त्रिकुट पहाड़ पर श्रद्धालुओं का तांता : हज़ारों श्रद्धालु त्रिकुट पहाड़ से मायूस होकर लौट रहे हैं,जानिए वजह

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Thousands of devotees are returning disappointed from Trikut mountain Thousands of devotees are returning disappointed from Trikut mountain

देवघर में पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक मनोकामना लिंग के रूप देश विदेश में प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ विराजमान हैं।यही कारण है की इस बाबा दरबार मे माथा टेकने और पूजा अर्चना करने के लिए सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।लेकिन पवित्र सावन मास की बात करें तो यहाँ लाखों लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आते है और अपनी मनोकामना की झोली भर वापस जाते है।श्रद्धालु बाबा का पूजन और जलापर्ण करने के बाद देवघर के मनोरम दृश्य औऱ पर्यटन स्थलों का भी आनंद लेते है।इन श्रद्धालुओं की पसंदीदा पर्यटन स्थल त्रिकुट पहाड़ होता है।त्रिकुट पर्वत देवघर से बासुकीनाथ धाम जाने के बीच मे स्थित है।जंगल से घिरे पहाड़ का मनोरम दृश्य सभी को आकर्षित कर देता है।यही कारण है कि श्रद्धालु यहाँ आ कर इसके मनोरम दृश्य का खूब आनंद उठाते है।

यहां कभी होता था रोपवे संचालित

त्रिकुट पहाड़ जहाँ कभी झारखंड के एक मात्र रोपवे संचालित होती थी।जमीन से 800 मीटर की खड़ी चढ़ाई और ऊपर स्वच्छ वातावरण के अलावा कई मनोरंजन के साधन के साथ साथ कई धार्मिक मान्यताओं के कारण इस स्थल का आनंद लेना सभी के लिए प्राथमिकताओं में एक होती थी।जानकर त्रिकुट पर्वत का इतिहास रामायण काल से भी जोड़कर देखते हैं।लेकिन वर्ष 2022 में एक दुर्घटना के बाद यहाँ संचालित रोपवे के संचालन पर सरकार द्वारा पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई।दरअसल 10 अप्रैल को रोपवे का रोप टूट जाने से 45 पर्यटकों की जिंदगी हवा में झूल गई थी।देश का सबसे खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।जिसमें सेना,केंद्रीय पुलिस बल,स्थानीय पुलिस और प्रशासन की सेवा से रेस्क्यू सफल रहा।लेकिन इसमें 3 पर्यटकों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।इसके बाद से यहाँ रोपवे का संचालन बंद है।

फिर से रोपवे संचालन करने की मांग

सावन हो या अन्य दिन जो भी श्रद्धालु बाबाधाम आते थे उनमें से अधिकांश रोपवे का आनंद अवश्य उठाते थे।लेकिन पिछले दो वर्ष से भी अधिक समय बीत गया फिर से इसके संचालन में।ऐसे में जो भी श्रद्धालु यहाँ आते है रोपवे का आनंद उठाने उन्हें निराश होकर जाना पड़ता है।हालांकि रोपवे का आनंद भले ही श्रद्धालु नही ले रहे लेकिन स्वच्छ वातावरण और यहाँ का मनोरम दृश्य का आनंद खूब ले रहे हैं।आपको बता दे की रोपवे संचालित होने से सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होती थी।फिलहाल यहाँ पहुँचने वाले पर्यटक के रूप में श्रद्धालु सरकार से रोपवे का फिर से परिचालन शुरू करने की मांग कर रहे हैं।