शेर-ए-बिहार रामलखन सिंह यादव को किया गया याद : स्मृति समारोह में पहुंचे MP रविशंकर प्रसाद समेत कई दिग्गज, शिक्षा और पिछड़ों के उत्थान में योगदान को सराहा
PATNA :बिहार के कद्दावर नेता स्वर्गीय रामलखन सिंह यादव का स्मृति समारोह दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित महामना मालवीय मिशन में मनाया गया, जहां पर मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद पहुंचे।
शेर-ए-बिहार रामलखन सिंह यादव को किया गया याद
इस मौके पर रविशंकर प्रसाद ने बिहार और संभवतः पूर्वांचल के एक समय के सबसे ऊंचे कद वाले नेता रामलखन सिंह यादव से अपने व्यक्तिगत अनुभवों पर चर्चा की और साथ ही उनके पिछड़ों और OBC की राजनीति में बहुमूल्य योगदान का उल्लेख किया। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस को अपना हर प्रकार से योगदान देने के बावजूद पार्टी ने रामलखन बाबू के साथ न्याय नहीं किया।
स्मृति समारोह में पहुंचे MP रविशंकर प्रसाद
राम लखन सिंह यादव के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए रविशंकर प्रसाद ने बताया कि लोकतंत्र में सुनवाई होना बहुत ज़रूरी है और राम लखन बाबू के द्वार से कोई अपनी सुनवाई करवाए बिना नहीं लौटता था। छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों में राम लखन बाबू ने 400 से भी ज्यादा स्कूल और 100 से ज्यादा कॉलेज खुलवाए ताकि समाज के किसी वर्ग को शिक्षा से वंचित न रहना पड़े।
कार्यक्रम का आयोजन राम लखन सिंह यादव जी की पौत्री शुभ लक्ष्मी और उनकी संस्था ट्रू वैल्यू फाउंडेशन ने किया। आयोजन में कई सांसद, विधायक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्य मंत्री शामिल हुए। सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विशिष्ट प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रशांत दामोदर हरतालकर ने राम लखन सिंह यादव के सन्दर्भ में कहा कि इनके बारे में पढ़ने से पता लगता है कि भारत माता ने कैसे रत्न सामान पुत्रों को जन्म दिया है।
शिक्षा और पिछड़ों के उत्थान में योगदान को सराहा
प्रशांत दामोदर हरतालकर ने कहा कि भारतवर्ष के अलग-अलग स्थानों में जो भी व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं, उनमें सबसे ऊपर राम लखन सिंह यादव का नाम आता है। राम लखन सिंह यादव के BBC को दिए हुए साक्षात्कार का स्मरण कराते हुए प्रशांत दामोदर हरतालकर ने बताया कि वे मानते थे कि इस देश के किसान और मजदूर उनकी आत्मा हैं। प्रशांत दामोदर हरतालकर ने बताया कि ज्ञान की बात तो सभी करते हैं लेकिन रामलखन सिंह यादव संस्कारयुक्त ज्ञान को असली ज्ञान मानते थे। प्रशांत दामोदर हरतालकर ने बताया कि राम लखन सिंह यादव की पौत्री शुभ लक्ष्मी की संस्कारयुक्त ज्ञान ही "ट्रू वैल्यू" है, जिसपर उन्होंने अपनी संस्था, "ट्रू वैल्यू फाउंडेशन" का नाम रखा है।
वहीं, पूर्व मंत्री डीपी यादव ने कहा कि "गरीबों की पीड़ा को समझने और उसको दूर करने की कवायद जो राम लखन बाबू में थी, यदि वो 50 वर्ष और जीवित रहते और आज हमारे बीच होते, तब भारत की राजनीति का मंज़र कुछ और ही होता।" डीपी यादव ने कहा कि राम लखन बाबू ने पिछड़ों के स्वाभिमान के लिए जो जद्दोजहद की, उसका उल्लेख किया।
डीपी यादव ने राम लखन बाबू के सुपुत्र प्रकाशचंद्र और पौत्री शुभ लक्ष्मी को राम लखन बाबू के विचारों को सभी के सम्मुख लाने हेतु स्मृति समारोह के आयोजन पर बधाइयां दी और विश्वास जताया कि यह समारोह हर साल मनाया जाएगा। ट्रू वैल्यू फाउंडेशन द्वारा 2025 राम लखन सिंह यादव श्रेष्ठ सेवा सम्मान दिल्ली विश्वविद्यालय के आचार्य नारायणा देव कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चमन सिंह को दिया गया।
सभा में सागर रायका, उपाध्यक्ष भाजपा OBC मोर्चा, न्यायमूर्ति सखा राम सिंह, इलाहाबाद HC (Retd.), डॉ अशोक बाजपेयी, पूर्व सांसद, राज्य सभा, पूर्व शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश, हरिशंकर सिंह, अध्यक्ष, महामना मालवीय मिशन, झारखण्ड से विधायक निर्मल महतो और जनार्दन पासवान, डॉ. हेमंत आहूजा, निदेशक, अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज, जैसे विशिष्ट जान की उपस्थिति रही।
राम लखन सिंह यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री, विशिष्ट राजनेता, शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत में OBC और पिछड़ों की राजनीति के जनक व सूत्रधार, वह आज भी पूर्वांचल-निवासियों के श्रद्धेय हैं। दिल्ली ही नहीं, भारतवर्ष में कई पूर्वांचली इनके नाम से चल रहे लगभग 400 से ऊपर स्कूल और 100 डिग्री कॉलेज से पढ़कर निकले हैं। इनके समाज सुधार, शिक्षा और राजनीति में किए हुए अनेकों योगदान के कारण जनता ने लगभग 7 दशक पहले इनको "शेर-ए-बिहार" की उपाधि से सुसज्जित किया।