रोहिणी के सोशल मीडिया पोस्ट पर बवाल : नीतीश के चहेते मंत्री के बेटी और दामाद का जिक्र, जानिये पूरा मामला
पटना: वोटिंग के दिन रोहिणी आचार्य के साथ घूमने वाले राबड़ी देवी के बॉडीगार्ड पर कार्रवाई की गई है. पुलिस अधीक्षक ने उस अंगरक्षक को सस्पेंड कर दिया है. बिहार पुलिस की इस कार्रवाई पर सियासत शुरू हो गई है. रोहिणी आचार्य ने सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा किया.
अंगरक्षक के निलंबन पर रोहिणी आचार्य ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है.
''नीतीश कुमार जी के चहेते मंत्री जी की बेटी-दामाद को किन प्रावधानों के तहत सुरक्षा की विशेष-सुविधा मुहैय्या है ? मंत्री जी की बेटी और दामाद की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी-अंगरक्षक किसके हैं ? क्या मंत्री जी की बेटी और दामाद सुरक्षा - बंदोबस्त की किसी विशेष - कैटगरी में आते हैं ?"
आगे रोहिणी आचार्य ने लिखा.. ''दूसरों पर सुरक्षाकर्मियों के दुरुपयोग का झूठा आरोप मढ़ने के पहले, ऐसा करने वालों को खुद की औप खुद की मंडली के गिरेबान में झांक लेना चाहिए..दोहरे-चरित्र वालों की कथनी और करनी के 'दोहरेपन- ..गलेपन' पर लानत है''
बता दें कि 20 अप्रैल को सारण में लोकसभा चुनाव के दौरान उक्त बॉडीगार्ड जितेन्द्र सिंह खुद रोहिणी आचार्य के साथ थे. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया था. उनके आरोप पर पटना एसएसपी ने SIT का गठन किया था. टीम ने राबड़ी आवास पहुंचकर जांच की और ये विभागीय कार्रवाई की गई. बता दें एसआईटी ने वहां पर ड्यूटी रोस्टर को देखा साथ ही फुटेज के आधार पर कार्रवाई की. जो वीडियो मिले उसमें आरोपी बॉडीगार्ड जितेन्द्र सिंह भी साथ में था.
बता दें कि रोहिणी आचार्य के खिलाफ सारण में केस दर्ज है. बूथ नंबर 318 और 319 पर बवाल हुआ था जिसपर बीजेपी के नेता ने नगर थाने में सारण की राजद प्रत्याशी और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पर केस दर्ज हुआ है. पुलिस ने जिन धाराओं में केस दर्ज किया है वो गैरजमानती है. आपोक बता दें सोमवार 20 मई को वोटिंग खत्म होने से ठीक आधे घंटे पहले राजद उम्मीदवार रोहिणी आचार्य बूथ संख्या 318 पर गयी थीं. रोहिणी आचार्य के बूथ पर आने को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया. जिसके बाद आरजेडी और बीजेपी समर्थकों के बीच जमकर बहस हुई. हालांकि तब पुलिस ने हालात को काबू कर लिया था. लेकिन अगले दिन छपरा में हिंसा हुई और गोलीबारी में 1 युवक की जान चली गई जबकि दो लोग जख्मी हुए थे.