Kashish News Health Conclave 2024 : हेल्थ कॉन्क्लेव में नामी चिकित्सकों का हुआ जुटान, गंभीर बीमारियों के इलाज पर हुई चर्चा, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने पर जोर

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Renowned doctors gathered in Health Conclave Renowned doctors gathered in Health Conclave

Kashish News Health Conclave 2024 :पटना के होटल मौर्य में 'कशिश न्यूज़ हेल्थ कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया, जहां बिहार और झारखण्ड के डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर IMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सहजानंद ने टीकाकरण को बेहद अहम बताया और कहा कि इसकी वजह से कई बड़ी बीमारियों पर काबू पाया जा सका है।

'प्राइवेट अस्पताल न बनें लूट-खसोट का अड्डा'

इसके साथ ही उन्होंने बिहार सरकार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि हेल्थ सेक्टर में बिहार में काफी काम हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने जो कहा है, वो शत-प्रतिशत सही है लेकिन उन्होंने एक सुझाव किया कि सरकार को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों को भी साथ में लेकर चलना होगा। वहीं, प्राइवेट डॉक्टरों को चाहिए कि वे जनता का विश्वास जीतें। प्राइवेट अस्पताल मरीजों से लूट-खसोट का अड्डा नहीं बने।

इसके साथ ही उन्होंने कोरोना काल को याद किया और कहा कि इस कठिन वक्त में कई अस्पतालों में बेहतर काम किया है। वहीं, इस दौरान हमें कई जाने-माने डॉक्टर्स खो दिए लेकिन फिर भी चिकित्सकों ने हार नहीं मानी और मरीजों की सेवा करते रहे लिहाजा हम डॉक्टर्स बिरादरी को सैल्यूट करते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि दूसरे राज्यों के अस्पतालों में काम करने का जो कल्चर है, वो बिहार के अस्पतालों में डेवलप करना होगा ताकि बड़े पैमाने पर जनता को सीधा लाभ मिल सके।

होम्योपैथी चिकित्सक ने भी विचार किए व्यक्त

वहीं, झारखण्ड के प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. यूएस वर्मा ने कोरोनाकाल के दौरान खुद के द्वारा बनायी गयी दवा UB-66 के बारे में विशेष तौर पर बताया और कहा कि कोविड का वायरस काफी सूक्ष्म रहता है लिहाजा इस पर काम करने के लिए काफी सूक्ष्म औषधियों की आवश्यकता थी, जो इसपर काम कर सके। कोरोना काल के दौरान एलोपैथी दवाइयां सफल नहीं हो पा रही थी।

उन्होंने कहा कि ढाई सौ साल पहले ही होम्योपैथ में कई दवाइयां आयी थी, जिसका अरबों भाग सूक्ष्म रहता है। इस दौरान 12 दवाओं को मिलाकर बनाया गया, जो वायरस पर ही काम करे। इस मिश्रित दवाओं को जब मरीजों को दिया जाने लगा, जो कारगर हुई। उन्होंने कहा कि इस दवा से सफलता इतनी मिली कि 35 हजार केस में एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस दवा का सेवन गुरुजी यानी शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कई जजेज और कई सीनियर IAS ऑफिसर्स ने इस दवा का सेवन किया। ये दवा इतनी तेज गति से काम किया कि दो-तीन दिन में ही मरीज ठीक हो जाता था। इसका हमलोगों ने नाम रखा - संजवीनी गोल्ड ड्रॉप। इस दवा का सेवन विदेशों में भी किया गया।