RGCIRC ने रचा इतिहास : भारत की पहली कैंसर टेलीसर्जरी कर राजीव गांधी कैंसर संस्थान ने रचा इतिहास, डॉक्टर्स ने कर दिया कमाल, पूरी खबर जान होंगे हैरान
NEW DELHI : राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (आरजीसीआईआरसी) ने कैंसर के क्षेत्र में भारत की पहली टेलीसर्जरी कर इतिहास रच दिया है। मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मील का पत्थर बनी अपनी तरह की इस पहली प्रक्रिया सटीकता के साथ- साथ सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए भौगोलिक बाध्यताओं का भी समाधान प्रदान करती है।
RGCIRC ने रचा इतिहास
आरजीसीआईआरसी के मेडिकल डायरेक्टर एवं जेनिटल यूरिनरी ऑन्कोलॉजी के चीफ डॉ. सुधीर रावल की अगुवाई में डॉ. अमिताभ सिंह और डॉ आशीष की विशेषज्ञ टीम ने सफलतापूर्वक दोतरफा लिम्फ नोड हटाकर क्रांतिकारी सिस्टो-प्रोस्टेटक्टोमी ऑपरेशन किया, जहां ओपन सर्जरी में तीन घंटे लगते हैं, वहीं यह सर्जरी बिना किसी त्रुटि के एक घंटा 45 मिनट में ही हो गया, जो दर्शाता है कि टेलीसर्जरी कितनी प्रभावी, विश्वसनीय और सुरक्षित है।
इस सर्जरी को गुरुग्राम स्थित एसएसआई के कार्यालय से भारतीय रोबोट 'एसएसआई मंत्रा' के माध्यम से किया गया। एसएसआई के सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव और उनकी टीम ने ऑपरेटिव फील्ड के विजन और ऑपरेटिंग साइट पर इंस्ट्रूमेंट की चाल के टेक्निकल हिस्से (ठीक ऑपरेशन थिएटर की तरह) को संभाला, जबकि जबकि 54 वर्षीय मरीज आरजीसीआईआरसी के दिल्ली में रोहिणी स्थित सेंटर में भर्ती था, जिसे यूरिनरी ब्लाडर का कैंसर था।
"मरीज के आरजीसीआईआरसी में होते हुए गुरुग्राम में एसएसआई के ऑफिस में बैठकर सर्जरी करना टेलीसर्जरी की अपार संभावनाओं को दर्शाता है," डॉ. रावल ने कहा। "परिणाम एक दम त्रुटिहीन थे, जो इस एडवांस टेक्नोलॉजी के सटीक और सुरक्षित होने पर मुहर लगाता है। यह उपलब्धि नवीन कैंसर देखभाल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।" टेलीसर्जरी का यह नवीन तरीका खासकर कैंसर के उपचार में जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं को काफी बेहतर बना देता है, जो बेहतर परिणाम और मरीज की तेज रिकवरी सुनिश्चित करता है।
डॉक्टर्स ने किया अद्भुत कारनामा
इससे उच्च- गुणवत्ता की सर्जिकल देखभाल सुदूर क्षेत्रों के मरीजों को उपलब्ध होगी, जिससे थकान भरी यात्रा और उससे जुड़े हुए खर्चों से राहत मिलेगी। मरीज की दशा इस समय स्थिर है, और एक सप्ताह के भीतर डिस्चार्ज किया जा सकता है। "कैंसर केयर को बेहतर बनाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने में आरजीसीआईआरसी हमेशा से आगे रहा है." आरजीसीआईआरसी के सीईओ डीएस नेगी ने कहा।
"इस ऐतिहासिक सर्जरी के साथ-साथ देश में कई पहली उपलब्धियां अपने मरीजों को सबसे बेहतर परिणाम उपलब्ध कराने की हमारी अनवरत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। हमें डॉ रावल एवं उनकी अद्वितीय टीम के समर्पणभाव और विशेषज्ञता पर गर्व है। इस उपलब्धि के साथ हमें पूरा विश्वास है कि इससे कैंसर के खिलाफ हमारे प्रयासों को और बल मिलेगा।"
"टेलीसर्जरी क्षमता के साथ होने से विशेषज्ञ सर्जिकल उपचार के लिए भौगौलिक बाध्यताएं अब कोई रोड़ा नहीं रह गई हैं," डॉ. रावल ने आगे कहा, जिन्होंने 5000 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी की हैं, जोकि भारत में किसी भी कैंसर सर्जन द्वारा सर्वाधिक हैं। "सुदूर स्थानों पर रहने वाले मरीज अब बिना किसी लंबी एवं थकान भरी यात्रा के सर्वश्रेष्ठ देखभाल का लाभ ले सकेंगे, जिससे देशभर में हेल्थकेयर की डिलीवरी सुनिश्चित होगी।"