भ्रष्टाचार : पूर्णियां नगर निगम के पूर्व आयुक्त पर उठे सवाल,महापौर ने निगरानी समिति से जांच कराने को लिखा..
PURNIA-खबर पूर्णिया नगर निगम से है.यहां के पूर्व नगर आयुक्त आरिफ हुसैन के कार्य पर सवाल उठ रहे हैं.यहां की महापौर विभा कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित सशक्त स्थायी समिति की बैठक में कई शिकायत आयी है और इस पर चर्चा हुई है.इस बैठक में नगर आयुक्त एवं पदेन सदस्यों के साथ पिछली सशक्त स्थायी समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों, योजनाओं की प्रगति एवं उन पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की गई.
महापौर विभाग नेदवी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभागीय अधिकारियों से लंबित पड़े हुए कार्यों को जल्द पूरा करने को कहा.एजेंसी के लिए चयनित तीनों एजेंसियों के विरुद्ध लोगों द्वारा बार-बार आ रही साफ-सफाई में कोताही बरतने और नियमित कचरा का उठाव नहीं किये जाने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया.महापौर विभा कुमारी ने तीनों एजेंसी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसमें सुधार नहीं किया गया तो आगामी बठक में तीनों एजेंसियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा, सशक्त स्थायी समिति की पदेन सदस्य आशा महतो, स्वपन घोष, कुमारी खुशबू, कमली देवी, ममता सिंह, प्रदीप जायसवाल ने राजेन्द्र बाल उद्यान के समीप निर्माणाधीन फूड पार्क का मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि फूड पार्क का निर्माण सशक्त स्थायी समिति द्वारा विभागीय स्तर पर कराने का निर्णय लिया गया था लेकिन सशक्त स्थायी समिति को अंधेरे में रखकर जेम पोर्टल के माध्यम से मंत्रिमंडल निगरानी समिति से कराने का प्रस्ताव कराया गया जो संभवतः देश में पहला उदाहरण होगा. इतना ही नहीं इस मद में भुगतान भी कर दिया गया है जबकि फूड पार्क का निर्माण अपूर्ण है. साथ ही जेम पोर्टल से ही वाटर एटीएम की खरीदारी भी की गई है, जिसका इंस्टॉलेशन भी नहीं हुआ है और इसका भी भुगतान कर दिया गया है. काम पूरा किये बगैर कर दिया भुगतान बैठक में यह बात मुखर रुप से रखी गई.तत्कालीन नगर आयुक्त आरिफ अहसन का स्थानान्तरण आदेश निर्गत होने के बाद जेम पोर्ट से हुई खरीदारी-निर्माण मद में लगभग 2.50 करोड़ का भुगतान हुआ है जो निहित स्वार्थ को दर्शाता है और इसमें वित्तीय अनियमितता की झलक मिलती है. इस तरह का भुगतान जल्दीबाजी में किया जाना कई शंका को जन्म देता है. कहा गया कि सफाई मद में भुगतान अतिआवश्क है जो नगर निगम का मुख्य कार्य है, सफाई मद में विगत तीन माह से एनजीओ को भुगतान नाहीं होने से शहर की साफ-सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है. सदस्यों की मांगों को गंभीरता से सुनने के बाद महापौर ने इसकी जांच बिहार सरकार के मंत्रिमंडल निगरानी समिति से कराने की बात कही.
निर्णय लिया गया कि सभी योजनाओं का जो लगभग 2.50 करोड़ का भुगतान हुआ है और जेम पोर्टल से जो खरीदारी हुई है उसकी जांच बिहार सरकार के मंत्रिमंडल निगरानी समिति से कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ.पदेन सदस्य कुमारी खुशबू ने कहा कि योजना सहायक इफ्तेखार आलम 29 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्होंने योजना का संपूर्ण प्रभार रोकड़पाल दीपक कुमार को देने और करणजीत सिंह सहायक बनाने और रोकड़पाल दीपक कुमार के जगह पर लिपिक अरविंद कुमार को रोकड़पाल का संपूर्ण प्रभार देने की बात कही.सदस्यों ने एक स्वर में समर्थन किया.
सदस्य ममता सिंह ने फॉगिंग मशीन के गुणवत्ता जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि शहर में सीसीटीवी लगाने का कार्य अभी तक पूर्ण भी नहीं हुआ है जबकि इसका भुगतान भी कर दिया गया है. इसके अलावा ट्रैफिक लाईट के गुणवत्ता की जांच की भी मांग उनके द्वारा की गई. जिला अतिथि गृह के पास एक माह पूर्व ही बने पार्क में सामानों के मरम्मत की जरुरत पर सवाल खड़े किए गये. सदस्यों द्वारा उपर्युक्त मांगों का समर्थन करते हुए एक स्वर से प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. बैठक में मुख्य रूप से प्रभारी नगर आयुक्त रवि राकेश, सिटी मैनेजर शेखर प्रसाद, प्रधान सहायक उमेश प्रसाद यादव, सशक्त स्थायी समिति के पदेन सदस्य स्वपन घोष, ममता सिंह, आशा महतो, मुशींदा खातून, कुमारी खुशबू, कमली देवी एवं प्रदीप जायसवाल मौजूद थे.
पूर्णियां से प्रफुल्ल ओंकार की रिपोर्ट