Bihar : डीजल वाली स्कूल बसों पर लगी रोक, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने किया विरोध, सरकार से कर दी बड़ी मांग

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 Private School and Children Welfare Association protested after ban on diesel school buses in Patna.  Private School and Children Welfare Association protested after ban on diesel school buses in Patna.

PATNA :बिहार सरकार द्वारा 1 सितंबर से डीजल से चलने वाले स्कूल बसों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश के आलोक में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद और सचिव मार्वेन कॉवेल ने विरोध किया है।

डीजल वाली स्कूल बसों पर लगी रोक

उन्होंने कहा है कि इस तरह के आदेश से पटना के स्कूल में पढ़ने वाले एक लाख से ज्यादा छात्र और छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने सरकार से सीधा सवाल किया है कि पटना में डीजल से चलने वाली हजारों सरकारी और निजी गाड़ियां रोड पर चलती है। क्या, इससे प्रदूषण नहीं होता?

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के तुगलकी फरमान से मध्य एवं गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि जब स्कूल बस ही नहीं चलेगी तो उन बच्चों के पास कोई अन्य साधन नहीं है, जिससे वह स्कूल जा सकें। अमीर घरों के बच्चे तो अपने निजी वाहन से विद्यालय पहुंच जाएंगे लेकिन बाकी बच्चों का किया होगा?

राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अविलंब इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है और आग्रह किया है कि बच्चो और अभिभावकों के हित में इस तरह के फरमान को रद्द करें ताकि मासूम छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

जहां तक प्रदूषण का मामला है तो ध्यान आकर्षित करना आवश्यक है कि विद्यालय के वाहन सुबह एक घंटे और दोपहर एक घंटे ही चलते हैं और केवल विद्यालय के वाहनों से ही प्रदूषण नहीं होता। बाकी सरकारी एवं निजी वाहन भी सड़क पर प्रदूषण के जिम्मेदार हैं, जो 24 घंटे सड़क पर चलते हैं। फिर भी सदैव की भांति इस बार भी एसोसिएशन सरकार के फैसले का सम्मान करती है लेकिन आग्रह है कि मुखमंत्री कम-से-कम 3 वर्षों का समय दें ताकि सभी विद्यालय बिना किसी परेशानी के डीजल बसों को सीएनजी में बदल सकें।