प्रेमचंद्र मिश्रा ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना : कहा-भाजपा ने किया माता सीता का अपमान, माफ़ नहीं करेगा हिंदुस्तान

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premchandra mishra ne kendra sarkaar per sadha nishana premchandra mishra ne kendra sarkaar per sadha nishana

पटना : गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सीतामढ़ी के पुनोरा धाम में मंदिर का शिलान्यास करने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस ने अमित शाह और भाजपा से मां सीता मंदिर मामले में माफी मांगने को कहा है. पार्टी नेता और पूर्व एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्र ने कहा है कि सीता जी की जन्मभूमि सीतामढ़ी के पुनोरा में है, इस दावे को तो बीजेपी सरकार ही इंकार करती है.

बिहार की पावन भूमि,जो माता जानकी की जन्मस्थली है,का भाजपा सरकार द्वारा घोर अपमान किया गया है. जनक की राजधानी मिथिला,विशेषकर सीतामढ़ी ज़िले का पुनौरा धाम,जहाँ राजा जनक ने हल चलाते समय भूमि से एक कन्या को प्राप्त किया था—जिन्हें“भूमिजा”, “जानकी”और“वैदेही”के नाम से जाना गया—जो बिहार की धार्मिक आस्था का केंद्र है.

बिहारवासियों को गर्व है कि वे उस मिट्टी के वासी हैं,जहां माता सीता ने जन्म लिया. लेकिन यह गर्व आहत हुआ है.

केंद्र की भाजपा सरकार ने संसद में यह कहते हुए माता सीता का अपमान किया कि माता सीता के सीतामढ़ी में जन्म लेने के कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं. भाजपा सरकार का यह बयान न केवल धार्मिक भावनाओं पर आघात है,बल्कि इसे बिहार के गौरव और अस्मिता का भी अपमान कहा जा रहा है.

( केंद्र की भाजपा सरकार ने तत्कालीन भाजपा सांसद प्रभात झा के प्रश्न पर यह जवाब दिया था प्रति संलग्न)

“इससे ज़्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि माता सीता के अस्तित्व पर ही भाजपा सरकार सवाल खड़ा कर दे. यह भारत की आध्यात्मिक आस्था पर कुठाराघात है.”

अब जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीता मंदिर परियोजना का शिलान्यास करने बिहार आ रहे हैं,तो मांग उठ रही है कि वह पहले बिहार और भारतवासियों से माफ़ी माँगें.

कांग्रेस ने आस्था को दिया आकार,भाजपा ने किया अपमान

केंद्र की कांग्रेस सरकार ने 1 जुलाई 2011 कोIL&FS IDC Ltd.को राष्ट्रीय स्तर का सलाहकार नियुक्त किया था,जिसने बिहार समेत विभिन्न राज्यों में पर्यटन सर्किट की पहचान की.

इस रिपोर्ट को 2013 तक पर्यटन मंत्रालय ने स्वीकार किया,और उसी के आधार पर रामायण सर्किट को मंजूरी दी गई—जो बिहार में उन स्थलों को जोड़ता है जो भगवान राम और माता सीता के जीवन से जुड़े हैं,विशेषकर उनकी जन्मभूमि और उनसे जुड़े पौराणिक स्थल.

इस सर्किट में शामिल प्रमुख स्थल:

• तार (Tar)

• अहिरौली (Ahirauli)

• रामरेखा घाट (Ram Rekha Ghat)

• प्रेतशिला पहाड़ (Pretshila Hills)

• गिद्धेश्वर (Giddheshwar)

• काको (Kako)

• सिंहेश्वर स्थान (Singheshwar Asthan)

• फुल्लहर (Phullahar)

• सीताकुंड (Sitakund)

• सीतामढ़ी (Sitamarhi)

• रेवेलगंज (Revelganj)

• रामचुरा (Ramchura)

• अहिल्या स्थान (Ahilya Asthan)

• जानकी मंदिर (Janki Temple, Sitamarhi)

• पुनौरा (Punaura)

• हलेश्वर स्थान (Haleshwar Asthan)

• पंथ पकड़ (Panth Pakar)

• चंकीगढ़ (Chanki Garh)

• वाल्मीकि नगर (Valmiki Nagar)

इन स्थलों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रामायण काल से जुड़ा हुआ है और इनसे बिहार की आध्यात्मिक विरासत को बल मिलता है.

अन्य सर्किट जिन्हें कांग्रेस ने मान्यता दी:

1. बौद्ध सर्किट:

बोधगया,नालंदा,राजगीर,वैशाली,कहलगाँव और पटना जैसे स्थल,जो भगवान बुद्ध से जुड़े हैं.

2. सूफी सर्किट:

काको (बीबी कमाल),हाजीपुर,मनेर शरीफ,फुलवारी शरीफ,बिहार शरीफ आदि.

3. जैन सर्किट:

राजगीर और अन्य जैन तीर्थस्थल जैसे जल मंदिर,कुंडलपुर,सोंभंडार,मंदर हिल आदि.

भाजपा ने की केवल‘मुंह दिखाई’,मंदिर निर्माण के लिए कोई मदद नहीं पहुँचाई:

कांग्रेस सरकार की इन ठोस पहल और रिपोर्टों के आधार पर ही भाजपा सरकार ने दो प्रमुख योजनाएं घोषित कीं:

PRASHADयोजना

(पूरा नाम:Pilgrimage Rejuvenation And Spiritual Augmentation Drive)

इस योजना का उद्देश्य भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों का बुनियादी विकास करना था.

शुरुआत: जनवरी 2015,मंत्रालय: पर्यटन मंत्रालय,भारत सरकार.

मगर सीता माता मंदिर के लिए आज तक एक पैसा भी नहीं दिया गया.

Swadesh Darshanयोजना

भारत के थीम आधारित पर्यटन सर्किट्स का विकास करने के उद्देश्य से शुरू की गई योजना.

शुरुआत: दिसंबर 2014

रामायण सर्किट भी इसका हिस्सा था,लेकिन सीता माता मंदिर के लिए एक रुपया भी केंद्र सरकार ने नहीं दिया.

पटना से प्रीतम कुमार की रिपोर्ट—