प्रभु श्रीराम ने यहां किया था स्नान : कार्तिक पूर्णिमा पर डुबकी लगाते हैं हजारों श्रद्धालु, कूड़े-कचरे से कराह रही बांसी नदी

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prabhu shree ram ne yaha kiya tha snan kartik purnima per dubki lagate hai hazaro shradalu prabhu shree ram ne yaha kiya tha snan kartik purnima per dubki lagate hai hazaro shradalu

BAGHA : सरकार ने नदियों के पुनर्जीवित एवं प्रदूषण को समाप्त करने के लिए नमामि गंगे नाम से नदी के संरक्षण के लिए मिशन चला रही है।लेकिन बगहा के मधुबनी प्रखण्ड स्थित बांसी नदी के कूड़ा कचरों और अतिक्रमण से कराह रही है। इस नदी के संरक्षण के लिए सरकार और जनप्रतिनिधियों का कई ध्यान नहीं है।

बता दें की कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं बांसी नदी पर स्नानदान करते है। लेकिन नदी की सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी के द्वारा बांसी नदी को साफई कराने का कार्य नहीं किया जा रहा है। नदी में यूपी और बिहार दोनों तरफ पूरी तरफ से जलकुंभी कचरा भरा हुआ है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बांसी मेला में पहुंचने वाले हजारों की संख्या में श्रद्धालु इसी गंदे पानी में स्नान करेंगे।

बांसी नदी की पौराणिक मान्यता है। कहा जाता है कि प्रभु श्री राम ने विवाह के बाद जनकपुर से अयोध्या लौटते समय माता सीता के साथ इसी नदी के तट पर रात्रि विश्राम किया था। भगवान ने इस नदी में स्नान भी किया। जिसके बाद इस जगह का नाम बांसी पड़ा। उस घाट का नाम बांसी राम घाट के नाम से जाना जाता है। जहां श्रद्धालुओं के द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नानदान किया जाता है। यह नदी बिहार-यूपी सीमा पर स्थित है।

बिहार और यूपी के साथ साथ नेपाल के श्रद्धालु आते है।पौराणिक मान्यता है यह भी है कि बांसी नदी में स्नान करने पर श्रद्धालुओं को पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके लिए एक कहावत भी चरितार्थ है । 'सौ काशी न एक बांसी' यानी जो पुण्य की प्राप्ति सौ बार काशी स्नान करने पर होती वह पुण्य की प्राप्ति एक बार बांसी नदी में स्नान करने पर होता है।

बगहा से राकेश कुमार सोनी की रिपोर्ट ...


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