JHARKHAND NEWS : 2018 बैच के दारोगा अभिषेक कुमार, जान बूझकर झाड़ रहे पुलिसिया रौब

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 Police officer Abhishek Kumar deliberately destroying power  Police officer Abhishek Kumar deliberately destroying power

रांची: अरगोड़ा थाना के एएसआइ अभिषेक कुमार की तरफ से राजधानी रांची में पुलिसिया रौब का नया कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है. अभिषेक कुमार की तरफ से फाइनल क्लोजर हुए एक मामले को बार-बार खोलकर नितेश कुमार सोनी और जीवेश कुमार सोनी को परेशान किया जा रहा है. अभिषेक कुमार 2018 बैच के दारोगा हैं और जमीन के मामले में फिजूल अड़चन पैदा कर दूसरों को परेशान कर रहे हैं. उनकी शिकायत पुलिस महकमे के कई वरीय अधिकारियों को भी किया गया है. अभिषेक जान बूझ कर अरगोड़ा थाना कांड संख्या 52 ऑफ 2023 खोलकर कर रहे हैं, जिसका फाइनल क्लोजर रिपोर्ट भी सौंप दिया गया है. इस केस को बार-बार खोलकर दोनों भाईयों को परेशान किया जा रहा है. इस संबंध में पहले 15 जून 2024 को दोनों को धारा 41 (ए) के तहत नोटिस भेज कर अपना पक्ष रखने को कहा गया. इसके बाद फिर 20 जून तक स्पष्टीकरण मांगा गया. फिर महेंद्र कुमार सोनी नामक व्यक्ति के 17 जून 2024 को लिखित आवेदन के आधार पर 58 ऑफ 2024 नामक केस दर्ज किया गया. इस मामले में आइपीसी की धारा 341, 323, 307 457, 380, 504, 506 और 341 जैसी संगीन धाराएं लगा कर केस थ्रू कर दिया गया. इसके बाद जीतेश औऱ नितेश पर यह दवाब डाला जाने लगा कि आपको क्यों ना गिरफ्तार कर लिया जाए. इनपर खाता संख्या 40 के प्लाट नंबर 1972 बी (साकेत विहार) की जमीन पर जबरन दीवार तोड़ने और गाली-गलौज करने तथा जान से मारने जैसे आरोप लगाये गये. जबकि कहानी बिल्कुल अलग है. नितेश और जीतेश कुमार सोनी ने खाता संख्या 40, प्लाट संख्या 1972 की जमीन, जिसका कुल रकबा 4.92 डिसमिल है 2022 में खरीदा था. इसके लिए अरगोड़ा अंचल की तरफ से दाखिल-खारिज भी किया गया. अरगोड़ा अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी अरविंद ओझा ने भी 29.11.2021 को डीमारकेशन रिपोर्ट भी सौंपी थी.

रांची के एसएसपी को पांच फरवरी 2023 को क्लोजर रिपोर्ट सौंपा था. यह क्लोजर रिपोर्ट 53 ऑफ 2023 के बाद सौंपा गया था. पुलिस अवर निरीक्षक प्रेम प्रकाश ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नितेश कुमार सोनी और जीतेश कुमार सोनी एवं अन्य के विरूद्ध लगाये गये आरोप असत्य हैं. इस कांड में थाना प्रभारी के पर्यवेक्षण टिप्पणी भी मिल चुकी है, जिससे इस कांड के तहत लगायी गयी धारा 447, 379, 427 औऱ 434 के तहत अंतिम प्रतिवेदन दिया जा रहा है. इस कांड को लेकर दैनिकी लिखना भी 31.1.2023 को बंद कर दिया गया था.