पढ़ना-लिखना चाहते हो ? : DM साहब के इस सवाल पर संवर गई एक जिंदगी, जानिए पूरी स्टोरी
मुंगेर : खबर है मुंगेर से जहां एक कार्यक्रम में पहुंचे DM की नजर कुछ दूर स्थित कचड़े के ढ़ेर पर कचड़ा चुनते एक बच्चे पर पड़ी। साहब ने फ़ौरन उसे अपने पास बुला लिया और पूछा कि पढ़ना-लिखना चाहते हो ? बच्चे ने फौरन हामी भरते हुए कहा कि पढ़ना चाहता तो हूं मगर मेरे पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं। उस बच्चे के बात को सुन कर DM भावुक हो गए और मासूम को अपने साथ गाड़ी में बिठा कलेक्ट्रेट ले आए। जानिए उसके बाद क्या हुआ...
बताया जा रहा है कि मुंगेर महोत्सव के अवसर पर मुंगेर DM नवीन कुमार प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शहर के कष्टहरणी घाट स्थित श्रीकृष्ण वाटिका पार्क में वृक्षारोपण के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान DM नवीन कुमार की नजर पार्क में कचड़ा चुनते एक मासूम बच्चे पर पड़ी। जिसके बाद DM ने कचरा चुन रहे शिवा को अपने पास बुलाया। DM के बुलावे को सुनकर शिवा मांझी डर गया और वह भागने लगा। तभी डीएम के अंगरक्षक ने बच्चे को दौड़ कर पकड़ा और उसे डीएम के समक्ष ले आए।
जब DM ने बच्चे से उसके परिजनों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसके माता-पिता नहीं है। वह तीन भाई है और वह कचरा चुनकर ही अपने जीवन यापन करता है। जिसके बाद DM ने बच्चे से पूछा कि क्या तुम पढ़ना चाहते हो जिस पर बच्चे ने हां में सिर हिलाते हुए कहा कि पढ़ना चाहता हूं मगर मेरे पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं। उस बच्चे के बात को सुन कर DM भावुक हो गए और उस बच्चे को पौधरोपण करने के बाद उसे अपने गाड़ी में बिठा कर सीधे कलेक्ट्रेट ले गए।
ऑफिस पहुंचते ही DM ने बाल कल्याण पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को फोन पर निर्देश देते हुए तुरंत कलेक्ट्रेट आने को कहा। दोनों अधिकारियों के आने के बाद उन्हें पूरे वाकये से रूबरू कराया गया। फिर DM से निर्देश मिलते ही बाल कल्याण पदाधिकारी के द्वारा उसके बच्चे को ले जाकर बाल कटवा कर और नहला कर बच्चे को स्कूल ड्रेस पहनाया गया। और तब वापस से DM के सामने लाया गया। बच्चे के संस्कार बदलते ही सारे पदाधिकारी भी अचंभित हो गए। इसके बाद शिवा मांझी भी अपने आपको काफी खुश महसूस करते हुए कहा कि रोजाना कचरा चुनता था मगर आज DM साहब मुझे बुलाकर अपने गाड़ी में उठाकर लेकर चले आए और स्कूल ड्रेस के अलावा पढ़ने के लिए कॉपी किताब बैग दिलवाया। शिवा मांझी ने कहा कि मैं पढ़ लिखकर सैनिक बनूंगा।
वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अश्वनी कुमार ने बताया गया कि यह बच्चा रोजाना कचरा चुनता था मगर आज जहां डीएम साहब वृक्षारोपण के लिए गए हुए थे वहां भी यह बच्चा कचरा चुन रहा था। जिसके बाद DM सर अपने वाहन में इस बच्चे को उठा कर लेते आए और हम लोगों को निर्देश दिए कि इस बच्चे को पढ़ाई के लिए जो भी जरूरी सामान हो इसे अविलंब दिला दें और इसका आज ही सरकारी स्कूल में नाम लिखवा कर कल से इसे नियमित रूप से पढ़ाई करवाएं।
इसी बीच शिवा मांझी के बड़े भाई बुद्धन मांझी ने बताया कि हम कभी सपनों में भी नहीं सोचे थे कि मेरा शिवा पढ़ पाएगा लेकिन DM सर के द्वारा जो आज यह काम किया गया इसके लिए मैं जीवन भर आभारी रहूंगा।