हादसा : नवादा के अभ्रक खदान में अवैध उत्खनन.. एक्सप्लोसिव से विस्फोट के दौरान एक नाबलिग की मौत..कई दबे

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NAWADA ME AWAIDH UTKHANAN ME VISHPHOT..EK KI MAUT KAI DABE.. NAWADA ME AWAIDH UTKHANAN ME VISHPHOT..EK KI MAUT KAI DABE..

NAWADA:-रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया पंचायत में स्थित भानेखाप अभ्रक माइंस में मंगलवार की सुबह एक्सप्लोसिव से विस्फोट के बाद चाल धंसने से एक नाबालिग की मौत हो गई। वहीं लगभग आधा दर्जन लोग खदान के अंदर दब गए।

हादसे की सूचना मिलते ही अभ्रक माफियाओं ने मृतक के शव को आनन-फानन में माइंस से निकाल कर गायब कर दिया। वहीं घायलों को भी गुप्त स्थान पर झारखंड के कोडरमा जिले के निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया है। घटना अहले सुबह लगभग 4 बजे के आसपास की बताई जाती है।

मृतक नाबालिग की पहचान भानेखाप सुअरलेटी गांव के हीरा भुइयां की 12 वर्षीय बेटी चिंता कुमारी के रूप में हुई है। वहीं घायलों की पहचान भी सुअरलेटी गांव के ही अनिल भुइयां व चरक भुइयां आदि के रूप में हुई है। सूचना मिलने के बाद रजौली थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी, विधि व्यवस्था के अपर थानाध्यक्ष कमलेश कुमार, एसआई अरुण पासवान, एएसआई उपेंद्र प्रसाद सिंह व एसटीएफ जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। लेकिन तब तक अभ्रक माफियाओं ने मृतक के शव को गायब कर दिया था और घायलों को भी गुप्त स्थान पर इलाज कराने के लिए लेकर भाग निकले थे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रजौली के हरदिया सेक्टर-डी निवासी लखन पंडित के द्वारा अभ्रक का अवैध उत्खनन कराया जा रहा था। इधर, हादसा होने के बाद अभ्रक माफियाओं द्वारा डरा-धमकाकर व चंद रुपयों देकर मृतक व घायलों के परिजनों को जबरन मुंह बंद करा दिया गया था। जिसके कारण मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक के परिजन व घायल के परिजनों ने कोई भी जानकारी नहीं दी।

गौरतलब है कि अभ्रक माइंस में वर्षों से अवैध खनन कराया जा रहा था। झारखंड के कोडरमा जिले के बस्ती गांव निवासी संजय यादव के द्वारा अवैध खनन किया कराया जा रहा था। लेकिन इसी बीच शराब के केस में संजय यादव की गिरफ्तारी हो जाने के बाद से इस अभ्रक माइंस पर लखन पंडित का कब्जा हो गया। इस समय लखन पंडित और उसके गुर्गों के द्वारा माइंस पर अभ्रक का अवैध खनन कराया जा रहा है। वन विभाग के रजौली पूर्वी के फॉरेस्टर राजकुमार पासवान ने भी बताया कि अब रख माइंस में अवैध तरीके पर चोरी छुपे खनन कराया जा रहा था। अब देखना यह है कि पुलिस माफियाओं के विरुद्ध कदम उठाती है या घायल के परिजन को दरकिनार कर माफियाओं के विरुद्ध फाइल को बंद कर दिया जाता है