सौगात : मुंगेर में गंगा नदी पर बने रेल सह सड़क पुल का लोकार्पण..CM नीतीश समेत कई मंत्री उद्घाटन समारोह में होंगे शामिल

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MUNGER WASIO KO AAJ MILEGE GANGA BRIDZE KI SAUGAT MUNGER WASIO KO AAJ MILEGE GANGA BRIDZE KI SAUGAT

Munger:-महाभारत में अंग प्रदेश के नाम से प्रसिद्ध मुगेंर एवं आस-पास के लोगों को आज बड़ी सौगात मिलने वाली है.696 करोड़ की लगात से गंगा नदी पर बने रेल सह सड़क पुल का आज लोकार्पण हो रहा है।बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस पुल का लोकार्पण करेंगे और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअल तरीके से इस लोकार्पण समारोह से जुड़ेंगे.इसके साथ ही बेगूसराय सांसद और केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह,केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह,बिहार सरकार के दोनो डिप्टी सीएम समेत स्थानीय सांसद,विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि इस समारोह में शरीक कर रहें हैं.इस पुल का नामाकरण बिहर केसरी और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर रखा गया है.

2002 में हुआ था शिलान्यास

बतात चलें कि मुगेंर में गंगा नदी पर बना पुल डबल डेकर है यानी रेल और सड़क साथ-साथ है।इस पुल से रेलवे का आवागमन काफी पहले शुरू हो गया है पर जमीन अधिग्रहण में अड़चन की वजह से सड़क पुल और उसके संपर्क पथ के बनने में देरी हुई है.इस पुल के बनने में करीब 20 साल लगा है.वर्ष 2002 में इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था.कई वजहों से इसके निर्माण में निर्धारित समय से काफी ज्यादा समय लगा है पर आज इस इलाके के लोगों को आज बड़ी सौगात मिल रही है।इस पुल से मुंगेर,बेगूसराय एवं खगड़िया के साथ ही कोसी क्षेत्र के लोगों को काफी सहूलियत मिलने वाली है.अभी तक मुंगेर,बेगूसराय एवं खगड़िया के लोग बोट के जरिए गंगा नदी पार करते थे.

आजादी काल से ही पुल की मांग

लोगों की जरूरत को देखते हुए आजादी के पूर्व से ही मुंगेर में गंगा नदी पर पुल की मांग उठनी शुरू हो गयी थी. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जब मुंगेर आये थे तो लोगों की मांग पर उन्हौने गंगा नदी पर पुल बनाने का आश्वासन दिया था पर वह आश्वासन विभिन्न वजहों से पूरा नहीं हो पाया.उसके बाद 70 के दशक में पुल के लिए आन्दोलन की शुरूआत हुई थी..कई आन्दोलन और संसद में मांग उठाए जाने के बाद वाजपेयी सरकार ने यहां पुल बनाने का निर्णय लिया था और 2002 में उन्हौने खुद इसका शिलान्यास किया था और आज यह पुल आमलोगों के हवाले किया जा रहा है.


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