मुख्यमंत्री उद्यमी योजना : किसानों और युवाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाता नीतीश सरकार का संकल्प

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औरंगाबाद :बिहार की धरती,जो केवल कृषि और पारंपरिक व्यवसायों के लिए पहचानी जाती है.मगर आज उद्यमिता के क्षेत्र में भी नई इबारत लिख रही है.इसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस दूरदर्शी फैसले को,जिसने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना (MMUY)के माध्यम से लाखों युवाओं,किसानों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है.

2018 में शुरू की गई मुख्यमंत्री उद्यमी योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है.इसका उद्देश्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना है.इस योजना के तहत लाभार्थियों को 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.जिसमें 5 लाख रुपये अनुदान और शेष 5 लाख रुपये ब्याज मुक्त ऋण के रूप में मिलते हैं.यह ऋण 84 आसान मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है.

वंचित वर्गों के लिए वरदान बनी योजना

इस योजना का विशेष फोकस अनुसूचित जाति/जनजाति,अति पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक,महिलाएं और युवा वर्ग पर है.2018 से 2024 तक इस योजना से लाभान्वित होने वालों का आंकड़ा इस प्रकार है.

अनुसूचित जाति/जनजाति–575 लाभार्थी

अति पिछड़ा वर्ग–205 लाभार्थी

महिलाएं–170 लाभार्थी

युवा–163 लाभार्थी

अल्पसंख्यक–14 लाभार्थी

ये आंकड़े इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह योजना सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के मूल मंत्र पर आधारित है.

एक प्रेरक मिसाल हैं हरेंद्र कुमार

जहानाबाद जिले के रहने वाले हरेंद्र कुमार,इस योजना के एक प्रेरणादायक लाभार्थी हैं.पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी की बजाय स्वरोजगार का रास्ता चुना.मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की मदद से हरेंद्र ने एक तेल मिल की स्थापना की,जहाँ स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाला तेल तैयार किया जाता है.

हरेंद्र कहते हैं,

“सरकार की मदद से मुझे आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला.आज मेरा तेल गाँव के साथ-साथ बिहार के अन्य जिलों में भी बिक रहा है.मेरी कोशिश है कि अपने बिजनेस को और भी आगे बढ़ाऊं और दूसरों को भी रोजगार दूं.”

उपलब्धियाँ:

स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण तेल का उत्पादन

बिहार के कई जिलों में उत्पाद की बिक्री

अन्य लोगों को भी मिला रोजगार

भविष्य में व्यवसाय के विस्तार की योजना

बदलाव की बुनियाद: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विज़न

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि“राज्य का विकास तभी संभव है जब गाँव का युवा और किसान आत्मनिर्भर हो.”मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के माध्यम से बिहार सरकार न केवल आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है,बल्कि प्रशिक्षण,मार्गदर्शन और बाज़ार तक पहुँच के अवसर भी सुनिश्चित कर रही है.

जिला उद्योग केंद्र जैसी संस्थाएँ इन युवाओं को योजना के हर चरण में संरक्षण और सहयोग प्रदान करती हैं,जिससे उद्यमिता की यह चिंगारी एक मजबूत आंदोलन में बदल रही है.

आत्मनिर्भर बिहार की ओर एक मजबूत कदम

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने यह साबित कर दिया है कि अगर सरकार इच्छाशक्ति और समर्पण के साथ काम करे तो विकास का रास्ता गाँवों से होकर भी गुजर सकता है. हरेंद्र कुमार जैसे उदाहरण आज नए बिहार की पहचान बनते जा रहे हैं — जहाँ सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, साकार भी किए जाते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में बिहार, रोजगार देने वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर है. जहाँ हर युवा कह सके. "अब नौकरी की नहीं, कारोबारकीबारीहै!"