Bihar News : आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और ‘‘सक्षम‘‘ के बीच हुआ एमओयू

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MoU signed between Disaster Management Authority and Saksham MoU signed between Disaster Management Authority and Saksham

पटना। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दिव्यांगजन समायोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्द्धन कार्यक्रम के तहत दिव्यांगजनों, उनके शिक्षकों-प्रशिक्षकों और केयरगिवर्स को प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है। इस उद्देश्य से राज्य के विभिन्न जिलों में समाज कल्याण विभाग की इकाई ‘‘सक्षम‘‘ के अधीन संचालित बुनियाद केन्द्रों के करीब 400 कर्मियों को मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण दिया गया है। इन प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स के सहयोग से दिव्यांगजनों और उनके सहायकों (केयरगिवर्स) को आपदाओं के प्रति जागरूक किया जाना है। इसके लिए प्राधिकरण एवं ‘‘सक्षम‘‘ के बीच दिनांक आज यानि 20 जून को एक सहमति पत्र (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग-एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किया गया।

सरदार पटेल भवन स्थित प्राधिकरण कार्यालय के सभागार में आयोजित समारोह में प्राधिकरण की ओर से सचिव मो. वारिस खान एवं ‘‘सक्षम‘‘ की ओर से वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी हरिशंकर राम ने एम.ओ.यू. पर दस्तखत किए। प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष डाॅ. उदय कांत एवं माननीय सदस्यगण पी.एन. राय, कौशल किशोर मिश्र, नरेंद्र कुमार सिंह व प्रकाश कुमार के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर बिहार मौसम सेवा केंद्र के निदेशक डाॅ. सी.एन. प्रभु, प्राधिकरण के विशेष सचिव आशुतोष सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी मो. मोइज उद्दीन, डिप्टी सी.ई.ओ. सुनील कुमार, शाहनवाज अहमद एवं संदीप कमल समेत अन्य पदाधिकारी एवं प्रोफेशनल्स मौजूद रहे।

‘सक्षम‘‘, अब प्राधिकरण के साथ मिलकर राज्यभर के 101 अनुमंडलों में स्थापित बुनियाद केंद्रों के माध्यम से आपदा जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेगा। प्रत्येक माह के दूसरे और चौथे शुक्रवार को “’सुरक्षित शुक्रवार’” के नाम से चिन्हित पंचायतों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे, जिनका उद्देश्य दिव्यांगजनों को आपदाओं के प्रति जागरूक और सतर्क बनाना है। प्रत्येक कैंप में राज्य आपदा मोचन बल (एस.डी.आर.एफ.) की टीम मॉकड्रिल के माध्यम से प्रशिक्षण देगी। इन कैंपों का आयोजन बुनियाद केंद्रों द्वारा किया जाएगा तथा व्यय की संपूर्ण जिम्मेदारी प्राधिकरण की होगी।

यह समझौता राज्य में दिव्यांगजनों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण में प्रशिक्षित कर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भागीदारी राज्य में समावेशी आपदा प्रबंधन की दिशा में अनुकरणीय पहल मानी जा रही है, जिससे दिव्यांगजनों की भागीदारी सुनिश्चित होगी और संपूर्ण समुदाय की आपदा-प्रतिरोधक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन और निगरानी दोनों संस्थाएं मिलकर नियमित अंतराल पर करेंगी। माननीय उपाध्यक्ष के निर्देश पर इसके लिए एक सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। बिहार मौसम सेवा केंद्र एक ऐप विकसित करेगा, जिससे कार्यक्रम की निगरानी में सहायता मिलेगी। साथ ही वास्तविक समय में आंकड़ों को अपडेट किया जा सकेगा। यह समझौता आगामी दो वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा। दोनों संस्थाओं की सहमति पर इसे विस्तारित किया जा सकेगा।