स्कूल निरीक्षण के दौरान कई गड़बड़ियों का खुलासा : विद्यालय संचालन में गंभीर खामियां उजागर, नपेंगे लापरवाह अफसर और टीचर
PATNA : शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न गांवों के विद्यालयों की निरीक्षण रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां उजागर हुई हैं। निरीक्षण के लिए भेजे गए अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार कुछ समर्पित शिक्षकों के प्रयासों से सुधार दिखा है लेकिन लापरवाह टीचर्स और निरीक्षक अधिकारियों की मिलीभगत से कई चिंताजनक बिंदु सामने आए हैं।
विद्यालयों की निरीक्षण व्यवस्था में गंभीर खामियां
1. फर्जी उपस्थिति
कई विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा छात्रों की फर्जी उपस्थिति दर्ज की जा रही है। वास्तविक उपस्थिति 50% से भी कम है जबकि रिकॉर्ड में 50% से अधिक दिखाया गया है।
2. नामांकन और उपस्थिति का अंतर
कुछ विद्यालयों में छात्रों के नामांकन अधिक है लेकिन उपस्थिति न्यूनतम पायी गयी है। अधिकांश छात्र केवल परीक्षा के दिनों में विद्यालय आते हैं जबकि अन्य दिनों में निजी कोचिंग या अन्य विद्यालयों में रहते हैं।
3. शिक्षकों की अनियमितता
कुछ शिक्षक केवल उपस्थिति दर्ज कराने और समय काटने में रुचि रखते हैं। कक्षाओं के संचालन में उनकी रुचि नहीं है।
4. कार्य समय का उल्लंघन
कुछ शिक्षक सुबह 9 बजे से अपराह्न 04.00 बजे के बीच अनुपस्थित रहते हैं। कई शिक्षक पूरे दिन विद्यालय में मौजूद नहीं रहते। वे निजी कामों के लिए विद्यालय छोड़ देते हैं और केवल उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वापस आते हैं।
5. विद्यालय से निकटता का दुरुपयोग
घर के पास पदस्थ शिक्षक, पढ़ाने की बजाए उपस्थिति दर्ज कर चले जाते हैं। पठन-पाठन पर उनका ध्यान नहीं है।
कार्रवाई की चेतावनी
शिक्षा विभाग ने इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि निरीक्षण में कोताही बरतने वाले शिक्षकों और निरीक्षक अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभागीय निर्देशों के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को निरीक्षण रिपोर्ट में पाई गई त्रुटियों की जानकारी देनी होगी और संबंधित दोषियों पर कार्रवाई करनी होगी।
निरीक्षक अधिकारियों को चेतावनी के बावजूद स्थिति में सुधार न होने पर निलंबन, विभागीय कार्रवाई या बर्खास्तगी जैसे दंड दिए जाएंगे। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी आगाह किया गया है कि अगर विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने पुनः सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे विद्यालयों की निरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करें अन्यथा कठोर दंड के लिए तैयार रहें।