महाराणा प्रताप के रास्ते पर चलने की जरुरत : देश चल रहा मुगलकालीन नीतियों पर, 'राष्ट्रीय आवाज मंच' ने किया ये एलान

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NALANDA : शुक्रवार को राष्ट्रीय आवाज मंच के द्वारा मनाये जा रहे वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप पुण्य तिथि पखवारा का समापन समारोह राजगीर सभागार में हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष कुणाल सिंह ने महाराणा प्रताप पर पुष्प अर्पित कर की। इस मौके पर उन्होंनें कहा कि महाराणा प्रताप ने सत्ता का चौखट चूमने के बजाय संघर्ष का रास्ता चुना था और भारत वासियों के स्वाभिमान की रक्षा की थी। उन्होनें चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज की सत्ता भी मुगल- कालीन नीतियों पर चल रही है। आज हमें महाराणा प्रताप के दिखाए रास्ते पर चलने की आवश्यकता है।

मंच के संयोजक उमाशंकर सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में प्रतिनिधियों के समक्ष 16 सूची प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव को हर्ष ध्वनि से पास कर दिया गया। प्रस्ताव में जातिगत आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक आधार पर और विकास का आधार करने की बात कही गयी। प्रस्ताव में कहा गया कि एक बार आरक्षण का लाभ पाने वाले परिवार को दोबारा आरक्षण का लाभ न दिया जाए। वहीं कहा गया कि दलित एवं पिछड़े वर्ग की तरह पर सामान्य पिछड़ा वर्ग बनाया जाए।

प्रस्ताव में कहा गया कि EWS आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर 8.00 लाख की वार्षिक आय को ही आधार मान कर आरक्षण का लाभ दिया जाये। भर्ती कानून बनाया जाए । प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाला जाए और भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए।

सभा का समापन वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवशंकर सिंह ने इस एलान के साथ किया कि सरकार यदि राष्ट्रीय आवाज मंच की मांगों को नहीं मानती है तो जल्द ही मंच संघर्ष का रास्ता अपनाएगी। मंच का संचालन अनुज सिंह ने किया । सभा में प्रमुख नेताओं में अरुण सिंह, उदय सिंह, रणजीत सिंह, कुन्दन सिंह, मीडिया प्रभारी शिशुपाल सिंह, राजेश कु. सिंह, कृष्णा सिंह चन्दन सिंह, शब्शी भूषण सिंह, अजय सिंह, मिथलेश सिंह मौजूद रहे।


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