मदरसा में बहाली को लेकर परीक्षा में हंगामा : अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा बहिष्कार के बाद शिक्षा विभाग ने किया परीक्षा स्थगित

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साहेबगंज : राज्य सरकार द्वारा अच्छी शिक्षा व्यवस्था को लेकर उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना की गई है. वहीं मदरसा में व्याप्त कतिपय अनियमितता का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी क्रम में सोमवार को इसकी बानगी राजस्थान इंटर स्कूल में मदरसा में बहाली को लेकर आयोजित परीक्षा में देखने को मिली. परीक्षा के नाम पर की जा रही खानापूर्ति पर विरोध जताते हुए मदरसा बहाली के कतिपय दावेदार पहले आपस में ही भीड़ गए,फिर बाद में हो हंगामा करते हुए परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. इससे मजबूरी में शिक्षा विभाग को यह परीक्षा स्थगित करने का ऐलान करना पड़ा.

दरअसल जिले के मंडरो प्रखंड अंतर्गत संचालित मदरसा ताइदुल इस्लाम डोकाडीह में आलिम के2पद तथा मौलवी और हाफिज के एक एक पद समेत कुल चार पदों पर बहाली के लिए शिक्षा विभाग की ओर से शहर के राजस्थान इंटर स्कूल में परीक्षा केंद्र बनाया गया था. इसमें4पदों पर बहाली के लिए41अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. इसमें आलिम पद के लिए22,हाफ़िज़ के लिए6और मौलवी के लिए13अभ्यर्थी शामिल थे. परीक्षा के आयोजन के लिए शिक्षा विभाग के एडीपीओ आशीष कुमार बतौर दंडाधिकारी नियुक्त किए गए थे. परीक्षा शुरू होने के बाद अभ्यर्थियों के बीच प्रश्न पत्र का वितरण किया गया था. उसी दौरान कुछ अभ्यर्थी आपस में ही भिड़ गए.

परीक्षा ले रहे शिक्षकों ने मामले को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा बढ़ता ही गया. कुछ अभ्यर्थी ने अपने प्रश्न उत्तर पुस्तिका फाड़ दिए. काफी देर तक शोर-शराबा होने के बाद अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. तब मजबूरन विभाग को यह परीक्षा स्थगित करने का ऐलान करना पड़ा. कुछ अभ्यर्थियों का आरोप था कि बहाली को लेकर आयोजित होने वाली परीक्षा महज खानापूर्ति की जा रही है. जिन अभ्यर्थियों को लेना है उनका चयन पहले ही कर लिया गया है.

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि मदरसा के सचिव और विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से बहाली के नाम पर गोरखधंधा किया जा रहा है. कुछ अभ्यर्थियों ने बताया कि बहाली को लेकर3मई को सूचना जारी किया,लेकिन गांव में इसकी किसी को जानकारी नहीं मिल पाई थी. मदरसा के अध्यक्ष और सचिव से पूछे जाने पर उन लोगों ने बताया कि जिन को जानकारी दी जानी थी उनको दे दी गई है. बाद में वे लोग मामले को लेकर बोरियो के विधायक लोबिन हेंब्रम से भी मिले थे,उन्होंने भी आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा था कि बहाली के लिए अधिसूचना जारी की गई है और इसकी जानकारी तक उनको नहीं दी गई है. विधायक के बुलाने पर वे लोग16मई को एक बार फिर से साहिबगंज के सर्किट हाउस में विधायक लोबिन हेंब्रम से मिले थे. यहां विधायक ने आश्वासन दिया था कि बहाली प्रक्रिया के तहत होगी और इसके पूर्व गांव वालों को इसकी जानकारी दी जाएगी. ये जो अधिसूचना जारी की गई है इसे रद्द करवा दिया जाएगा,लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और उसी अधिसूचना पर29मई को लिखित और मौखिक परीक्षा का आयोजन किया गया था. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बहाली के नाम पर किस कदर अनियमितता की जा रही है. अभ्यर्थियों ने पूरे मामले की जांच कराते हुए इसमें सम्मिलित दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग जिला के उपायुक्त से की है.

क्या कहते हैं परीक्षा संचालक?परीक्षा संचालक मुक्ता रूल हक ने बताया कि बहुत समझाने बुझाने के बाद भी परीक्षार्थियों के द्वारा परीक्षा का बहिष्कार कर दिया गया इसकी तत्काल सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई,उनके आदेश के बाद यह परीक्षा स्थगित की गई.

परीक्षा10बजे से और सूचना11बजे

मदरसा में बहाली को लेकर परीक्षा का आयोजन सुबह 10 बजे से किया जाना था इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना के एडीपीओ आशीष कुमार को बतौर दंडाधिकारी नियुक्त किया गया था. बहाली में हो रहे कथित अनियमितता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा 10:00 बजे से शुरू होना था, और व्हाट्सएप के माध्यम से दंडाधिकारी को उनकी प्रतिनियुक्ति की सूचना 11:00 बजे दिन में दी गई. इतना ही नहीं व्हाट्सएप पर सूचना देने के बाद उनसे यह कंफर्म भी नहीं किया गया कि वे कहां है? दरअसल एडीपी आशीष कुमार को परीक्षा में बतौर दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति को लेकर कोई जानकारी नहीं थी.


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