लोकसभा चुनाव 2024 : पहली बार चतरा के अति उग्रवाद प्रभावित गांव में बना पोलिंग बूथ, ग्रामीणों में हर्ष

Edited By:  |
loksabha chunav 2024 loksabha chunav 2024

चतरा:झारखंड निर्माण के बाद पहली बार जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड के राजपुर थाना क्षेत्र के अति उग्रवाद प्रभावित सुदूरवर्ती गड़िया अमकुदर में वहां की जनता अपने पोलिंग बूथ पर मतदान करेंगे. चतरा के नव पदस्थापित उपायुक्त रमेश घोलप मतदाताओं के इस सपने को पूरा कर रहे हैं.

बता दें कि डीसी रमेश घोलप के प्रयास से अति उग्रवाद प्रभावित गड़िया और पथेल में पोलिंग बूथ बनाया गया है. इससे पहले इन गावों के मतदाताओं को 10 किलोमीटर दूर दुरूह रास्तों से पैदल चलकर केंदुआ सहोर और जशपुर में वोट देने के लिए जाना पड़ता था. पोलिंग बूथ की दूरी होने के कारण मतदान का प्रतिशत काफी कम रहता था. अब गांव में ही बूथ बन जाने से लोकसभा चुनाव में बंपर वोटिंग की संभावना है.

ज्ञात हो कि मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे इस क्षेत्र में चतरा के तत्कालीन उपायुक्त अंजली यादव और पुलिस कप्तान राकेश रंजन की पहल पर सड़क,बिजली और पेयजल की व्यवस्था करवाई गई है. हालांकि अभी भी सड़क का निर्माण कार्य चल ही रहा है,परंतु यहां के ग्रामीण यहां हो रहे विकास को लेकर आशान्वित नजर आ रहे हैं. ग्रामीण गांव को विकास की पटरी पर लाने के लिए तत्कालीन उपायुक्त अंजली यादव को धन्यवाद देते थक नहीं रहे. पहले नक्सलियों द्वारा वोट बहिष्कार का भी फतवा जारी किया जाता था. नतीजा यह होता था कि लोग घरों से वोट देने भी नहीं निकलते थे. लेकिन गांव में सीआरपीएफ 190 वी बटालियन का कैंप स्थापित हो जाने के बाद अब नक्सलियों की भी आवाजाही न के बराबर हो गई है. अब ग्रामीणों को नक्सलियों के वोट बहिष्कार का भी डर नहीं है.

ग्रामीण कहते हैं कि प्रशासन का पूरा साथ मिल रहा है. इसलिए हमलोग खुलकर और बेखौफ मतदान करेंगे. ग्रामीण कहते हैं कि तत्कालीन उपायुक्त अंजली यादव के प्रयास से सड़क,विद्युत और पेयजल की व्यवस्था हो गई है. अब की बार गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की पूर्ण व्यवस्था हो. ग्रामीण एक उच्च विद्यालय और अस्पताल की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय गड़िया है,जहां1से8तक की पढ़ाई होती है. लेकिन यह एकमात्र शिक्षक के सहारे ही चल रहा है. यहां भी अन्य शिक्षक की बहाली हो.

वहीं चतरा के उपायुक्त रमेश घोलप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि20मई को आम चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. इन क्षेत्रों में हमेशा मतदान प्रतिशत कम रहा है.50से51प्रतिशत ही रहा है. आज के समय में दोगुना से ज्यादा वोटर हैं. इसी को देखते हुए गड़िया अमकुदर में बूथों की स्थापना की गई है. इसके पूर्व क्षेत्र का सर्वे कर डोर टू डोर जाकर लोगों को जोड़ा भी गया है. अपील भी किया गया है कि लोग मतदान कार्य में पीछे न रहें. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि इस बार के चुनाव में80प्रतिशत से ज्यादा वोट होंगे. उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि यहां के लोगों को अहसास दिलाएंगे कि नक्सलियों के चंगुल से हटने के बाद क्षेत्र का कितना विकास हुआ. उन्होंने चुनाव के बाद क्षेत्र में विकास कार्य करवाने का वादा किया. एसपी विकास पांडेय ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. फोर्स की पूरी व्यवस्था रहेगी. उन्होंने मतदाताओं से निर्भीक होकर मतदान करने की अपील की. आपको बता दें कि राजपुर थाना क्षेत्र का गड़िया,अमकुदर,पथेल बनियाबांध गांव को नीचे घाट भी कहा जाता है. यह नीचे घाट उस वक्त सुर्खियों में आया जब वर्ष1997में भाकपा माले के11लोगों को भाकपा माओवादी के उग्रवादियों ने मार दिया था. इस नरसंहार की घटना के बाद इस क्षेत्र पर माओवादियों का कब्जा हो गया. बिहार के बाराचट्टी के करीब के इन गांवों में माओवादियों का एकछत्र साम्राज्य था. पहाड़ और जंगलों से घिरे इन गावों में नक्सलियों की तूती बोलती रही है. यहां के लोग नक्सलियों के समर्थन से अफीम और गांजा की खेती के लिए भी जाने जाते रहे हैं.

चतरा से कुमार चंदन की रिपोर्ट --