केएन त्रिपाठी को झटका : चतरा सीट पर कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें, क्या दगा देगा RJD ?
RANCHI : झारखंड की चतरा लोकसभा सीट पर 20 मई को मतदान होना है। यहां देश में पांचवें और झारखंड में दूसरे चरण में वोट डाले जायेंगे। NDA से बीजेपी प्रत्याशी कालीचरण सिंह इस सीट पर ताल ठोक रहे हैं। जबकि इंडी अलायंस से ये सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाया है। चतरा सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी के लिये यहां कई मुश्किलें है। चुनाव से पहले मुस्लिम संगठनों ने इंडी अलायंस के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी को बड़ा झटका दिया है। अब राजद कार्यकर्ताओं ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मुस्लिम संगठनों को केएन त्रिपाठी पर आपत्ति क्यों ?
जानकारों की मानें तो मुस्लिम संगठनों ने केएन त्रिपाठी के बहिष्कार का ऐलान किया है। इस ऐलान से महागठबंधन और कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। खबर के अनुसार मुस्लिमों ने एक बैठक की, जिसमें महागठबंधन और कांग्रेस के बहिष्कार का फैसला लिया गया। आमतौर पर माना जाता है कि अधिकांश मुस्लिम मतदाता बीजेपी के मुकाबले उसकी विपक्षी पार्टियों को तरजीह देते हैं, ऐसे में यह महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि ये मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। इसके बावजूद यहां किसी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनावी मैदान में न उतारकर केएन त्रिपाठी पर दांव आजमाया गया है। इसलिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने केएन त्रिपाठी के बहिष्कार का मन बनाया है।
मुस्लिम संगठनों के बाद RJD कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा
मुस्लिम संगठनों के बाद अब RJD कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बाबत राष्ट्रीय जनता दल के जिला भर के कार्यकर्ताओं ने बैठक की। अब राजद के कार्यकर्ता 'केएन त्रिपाठी वापस जाओ, बाहरी प्रत्याशी नहीं चलेगा' के नारे लगा रहे हैं। RJD कार्यकर्ता स्थानीय प्रत्याशी देने की मांग कर रहे हैं। इस बात को सुबह-सुबह कार्यकर्ताओं में आक्रोश दिखा, लेकिन शाम ढलते ही RJD के जिलाध्यक्ष नवल किशोर यादव चंद नेताओं के साथ केएन त्रिपाठी का समर्थन करने लगे। हालांकि कार्यकर्ताओं का आक्रोश तो कम नहीं हुआ, लेकिन जिला अध्यक्ष के इस रवैये से पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी और बढ़ गई।
सुबह में विरोध और शाम ढलते पलटे जिलाध्यक्ष !
केएन त्रिपाठी का विरोध कर रहे राजद कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिला अध्यक्ष नवल किशोर यादव का कोई अस्तित्व ही नहीं है। सुबह हम लोगों के साथ होते हैं और शाम में दूसरे के साथ। ऐसे में जिला अध्यक्ष का रवैया और बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि शाम ढलते ही कार्रवाई की धमकी देने वाले जिला अध्यक्ष सुबह नारेबाजी के दौरान क्यों साथ खड़े थे, उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया था ? दरअसल पहले राजद कार्यकर्ताओं की बैठक जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में होती है। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है कि कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध करते हुए अपना प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा जाएगा। इसके बाद जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में ही पार्टी कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी भी करते हैं। लेकिन चंद घंटों के बाद वही जिला अध्यक्ष अपने ही बयानों और निर्णय से उलट बयानबाजी कर कार्यकर्ताओं को कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं। अब विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
स्थानीय बनाम बाहरी का होगा मुद्दा ?
विरोध कर रहे राजद कार्यकर्ताओं ने केएन त्रिपाठी को बरसाती मेढक करार दे दिया। RJD कार्यकर्ताओं का दावा है कि ये बाहरी हैं, चतरा में इनका कोई जमीनी जनाधार तक नहीं है। ऐसे लोगों को प्रत्याशी बनाकर हम लोगों पर जबरन थोपा गया है। राजद कार्यकर्ताओं ने महागठबंधन से प्रत्याशी को बदलकर किसी स्थानीय कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाने की मांग की है। कहा है कि चतरा में ना तो कांग्रेस का जनाधार है और ना ही उसके प्रत्याशी को कोई जानता है। आपको बदा दें गिरिनाथ सिंह ने पाला बदलते हुआ राजद ज्वाइन कर लिया है। ऐसे में राजद चतरा सीट की मांग कर रही थी। कांग्रेस के खाते में सीट जाने के बाद भी चतरा सीट से गिरिनाथ सिंह प्रत्याशी के रेस में थे। ये भी खबर निकलकर सामने आ रही थी की कांग्रेस के सिंबल पर वो चुनाव लड़ सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इसके लिये राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी कांग्रेस से बात करने की कोशिशें की थी। बावजूद इसके चतरा सीट से कांग्रेस ने केएन त्रिपाठी को टिकट दे दिया। जिसके बाद गिरिनाथ सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी संभावना जताई जा रही है।
विरोध करनेवालों पर कार्रवाई के निर्देश
इधर इस पूरे मामले में राजद के जिला अध्यक्ष नवल किशोर यादव ने कहा है कि जो कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व और शीर्ष नेताओं के साथ-साथ संगठन के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनके विरुद्ध पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के शीर्ष नेताओं ने मिलकर ये फैसला लिया है, चतरा सीट कांग्रेस को देते हुए केएन त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया गया है। ऐसे में जिले के कार्यकर्ताओं का इस मामले पर सवाल खड़ा करना और विरोध जताने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता।