Bihar News : रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगा कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन, 23 जून को CM नीतीश करेंगे लोकार्पण

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Kachi Dargah-Bidupur six lane will write a new chapter in the field of road connectivity, CM Nitish will inaugurate it on June 23 Kachi Dargah-Bidupur six lane will write a new chapter in the field of road connectivity, CM Nitish will inaugurate it on June 23

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार राज्य को विकसित एवं समृद्धि करने की दिशा में अग्रसर करने की ओर एक और कदम लेते हुए उनके द्वारा सोमवार को कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन परियोजना के परियोजना के प्रथम चरण में NH 31 से राघोपुर का कल लोकार्पण किया जाएगा। संवाददाताओं से बात करते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से सहमति मिल गई है।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राघोपुर दियारा के निवासियों के लिए 23 जून का दिन एक ऐतिहासिक दिन होगा। राघोपुर की जनता जो कई दशकों से पटना सहर में होकर भी पटना से दूर थी अब मात्र 5 मिनट में पटना सहर राघोपुर से इस पुल के माध्यम से आ जा सकेगी। मैं मुख्यमंत्री के दूरगामी सोच और इस पुल के निर्माण का शिलान्यास और कार्यारंभ करने के लिए उन्हें कोटि कोटि धन्यवाद देता हूँ। दशकों से नावों और पीपा पुल के सहारे राजधानी पटना से जुड़ाव बनाए रखने वाले इस क्षेत्र के लोग अब पहली बार सड़क मार्ग से राजधानी से सीधे जुड़ सकेंगे।

मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री जी सोमवार को इस परियोजना के पहले चरण– एनएच-31 पर कच्ची दरगाह से राघोपुर तक के हिस्से का उद्घाटन करेंगे। यह हिस्सा पूर्ण रूप से बनकर तैयार है, जबकि राघोपुर से बिदुपुर तक का शेष कार्य अंतिम चरण में है जिसे अगले 3 माह में जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उद्घाटन के साथ ही कच्ची दरगाह से राघोपुर तक यातायात की शुरुआत हो जाएगी। इसके अलावा राघोपुर की मुख्य सड़क ( पंसरिया चौक) को कनेक्टिविटी देने के लिए 17 करोड़ की राशि से संपर्क पथ का निर्माण भी जल्द ही किया जाएगा। इसके लिए राशि की प्रशाशनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।

अब नाव और पीपा पुल पुरानी बात

इस संबंध में माननीय पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह पहला स्थायी पुल होगा जो राघोपुर को राजधानी पटना से जोड़ेगा। स्थानीय लोगों को मानसून से पहले बनाए जाने वाले पीपा पुल या नावों पर अब निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। हर साल बारिश में जब पीपा पुल हटा दिया जाता था, तब यह इलाका शेष राज्य से पूरी तरह कट जाता था। लेकिन अब इस पुल के शुरू होने से सालभर निर्बाध आवागमन संभव हो पाएगा, जिससे राघोपुर दियारा के सामाजिक और आर्थिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत होगी।

3 हजार करोड़ का लिया गया ऋण

मंत्री ने बताया कि 19 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 9.76 किलोमीटर का हिस्सा गंगा नदी पर बना एक्स्ट्रा डोज़्ड केबल स्टे ब्रिज है। इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और इसे 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के अनुरूप डिजाइन किया गया है। पुल निर्माण में एशियन डेवलपमेंट बैंक से 3,000 करोड़ रुपये के ऋण तथा राज्य सरकार द्वारा लगभग 2000 करोड़ का व्यय किया जा रहा है।

एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज की विशेषता

मंत्री ने बताया बताया कि एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज की विशेषता यह है कि इसमें केबल्स को सीधे टावर से नहीं बल्कि डेक के नीचे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विशेष ढंग से जोड़ा गया है, जिससे इसकी संरचना न केवल अत्याधुनिक बनी है, बल्कि मजबूती भी कई गुना अधिक है। यह निर्माण तकनीक भारत में गिने-चुने पुलों में इस्तेमाल हुई है।

गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा

मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि इस पुल के चालू होने से न सिर्फ महात्मा गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि बिदुपुर, राघोपुर और पटना के बीच सुव्यवस्थित और तेज़ सड़क कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना को सिर्फ साढ़े तीन घंटे में जोड़ने का है, जिसमें यह पुल एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

जीवन स्तर में सुधार

मंत्री ने बताया कि इस ऐतिहासिक पुल के उद्घाटन से न केवल स्थानीय जनता को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार, परिवहन और निवेश के नए द्वार खुलेंगे। यह पुल दियारा क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा और वहां के लोगों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार लाएगा। साथ ही, यह पुल बिहार के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

मंत्री नितिन नवीन ने राघोपुर की जानता को बधाई दी। उन्होंने कहा की राज्य सरकार आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कई राज्य सरकार और केंद्र सरकार की परियोजनाओं पर कम चल रहा है। इसका सतत अनुश्रवण किया जा रहा हैं। जल्द ही कई और महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।