JHARKHAND NEWS : शशि शेखर ने अर्जेंटीना की अकोंकागुआ चोटी पर तिरंगा फहरा कर झारखंड और देश का मान बढ़ाया
BOKARO : कसमार प्रखंड के पाड़ी गांव के निवासी, गोमिया के पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो के बड़े पुत्र शशि शेखर ने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटीअकोंकागुआ (6,961 मीटर) पर विकट परिस्थितियों में और माइनस 20 डिग्री के तूफान के बीच तिरंगा फहरा कर देश, झारखंड और अपने माता-पिता का नाम गर्व से रोशन किया है। शशि शेखर के पिता डॉ. लंबोदर महतो ने इस उपलब्धि की जानकारी दी और बताया कि उनका पुत्र शशि शेखर ने एक बार फिर झारखंड और देश का मान बढ़ाया है। यह उपलब्धि तब आई है जब शशि शेखर ने 17 अगस्त 2024 को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (5,642 मीटर) पर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया था। रूस के कॉकस पर्वत श्रृंखला में स्थित इस पर्वत पर चढ़ाई कर उन्होंने एक नई ऊंचाई छुई और झारखंड का नाम दुनियाभर में रोशन किया।
शशि शेखर की पर्वतारोहण यात्रा की शुरुआत माउंट एवरेस्ट से हुई थी, जहां उन्होंने 2023 में 8430 मीटर ऊंचाई पर स्थित बालकनी तक पहुंच कर कीर्तिमान स्थापित किया। इसके पहले, 2022 में हिमाचल प्रदेश के माउंट मणिरंग की चोटी (21,631 फीट) पर 19,000 फीट की ऊंचाई तक चढ़कर तिरंगा फहराया था, जिससे बोकारो जिले का नाम गर्व से ऊंचा हुआ था। शशि शेखर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स, अरुणाचल प्रदेश से पर्वतारोहण का कोर्स किया था और गोरिचेन ग्लेशियर पर 16,500 फीट की ऊंचाई पर प्रशिक्षण लिया था। उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए झारखंड विधानसभा के 23वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें सम्मानित किया था।
शशि शेखर की मां ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा इस प्रकार के अभियानों में पर्वतारोही खुद ही रेफरी और खिलाड़ी होता है। मेरे बेटे ने जो यह कठिन और अकल्पनीय उपलब्धि हासिल की है, वह उनके कठिन संघर्ष का परिणाम है। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में 14 पर्वतारोही अपनी जान गवा चुके थे, लेकिन मेरे बेटे ने भीषण परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारी। उनकी यह सफलता देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस प्रकार शशि शेखर ने अपनी कठिन मेहनत, संघर्ष और अद्वितीय साहस से यह सिद्ध कर दिया कि कठिनाइयों के बावजूद यदि कोई दृढ़ संकल्पित हो तो वह किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।