JHARKHAND NEWS : NTPC खनन के दुष्प्रभाव से आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की हो रही मौत मामले में NCST गंभीर,एक सप्ताह के भीतर राज्य के शीर्ष पांच अधिकारियों को दुबारा जा

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RANCHI : NTPC की चट्टी बरियातू कोल परियोजना से जुड़ा मामला अब तूल पकड़ चुका है, विलुप्तप्राय आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की मौतों पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने गंभीर रुख अपनाया है। पिछले एक हफ्ते में आयोग ने राज्य के शीर्ष पांच विभागों के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, बावजूद इसके संयुक्त जांच समिति की रिपोर्ट पर अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसी लापरवाही के बीच अब तक चार मौतें हो चुकी हैं, जिनमें एक दो माह की बच्ची भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक NTPC के खनन कार्य से उत्पन्न धूल, विस्फोट और प्रदूषण बिरहोर समुदाय के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।

आयोग ने इसे जीवन के अधिकार का सीधा उल्लंघन मानते हुए NTPC के CMD और हजारीबाग DC से जवाब मांगा है, वहीं मानवाधिकार आयोग ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि खनन को जनजीवन की कीमत पर प्राथमिकता देना गलत है। पांच सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बिरहोर टोला में खनन कार्य से गंभीर प्रदूषण हो रहा है और जब तक बिरहोर परिवारों को अन्यत्र बसाया नहीं जाता,वहां खनन नहीं किया जाना चाहिए।

गंभीर सवाल:

  • आखिर क्यों नहीं रोका गया खनन कार्य जब पूर्व से ही संभावित खतरे की जानकारी दी गई थी?

  • क्यों नहीं की गई मृतकों की पोस्टमार्टम जांच?

  • खान सुरक्षा अधिनियम और पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी कर किसके आदेश पर खनन शुरू हुआ?

एक्टिविस्ट मंटु सोनी की शिकायत के बाद आयोग ने दोबारा नोटिस जारी कर कार्रवाई की मांग की है, अब सवाल ये है कि क्या बिरहोरों की जान की कीमत पर कोल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा या प्रशासन समय रहते चेत जाएगा?

(राहुल कुमार की रिपोर्ट)