हाथियों का आतंक : जंगली हाथियों ने किसानों के 65 एकड़ में लगी फसल को किया नष्ट ,ग्रामीणों में दहशत का माहौल

Edited By:  |
hathiyo ka aatank hathiyo ka aatank

सरायकेला : एक तरफ राज्य के लोगों ने दुर्गा पूजा मना रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरायकेला खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण गजराज की आतंक से काफी दहशत में हैं. प्रखंड के विभिन्न गांवों में हाथियों के उत्पात कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर ग्रामीनो में दहशत है. हाथियों के भय से ग्रामीण रात भर जग कर पहरेदारी करने पर मजबूर हैं. दूसरी ओर हाथियों के निरंतर बढ़ रहे आतंक के बावजूद चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी और कर्मचारी अब तक हाथियों को भगाने में नाकाम रहे हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण विभाग को प्रतिवर्ष जंगल व वन जीवजंतु की सुरक्षा के लिए करोड़ों रुपये मुहैया कराते हैं.

आज ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. हाथियों के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार उत्पात मचाने से दहशत बरकरार है. सोमवार की रात से ईचागढ़ प्रखंड के रघुनाथपुर, चातम, विरडीह, विष्टाटांड़, तलापीड़ी आदि गांव में गजराज के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया है. रघुनाथपुर गांव के किसान अरुण महतो, गुरूपद महतो, गोपाल महतो, कुंजबिहारी महतो, पुशु महतो, शिशुपाल महतो, नेपाल महतो, बिनोद महतो, बलराम मछुआ, दिलिप महतो, रूसू महतो, जीतू महतो, शशिभूषण महतो, छोटूराम महतो, कालीपद महतो, दिनेश महतो,भूषण महतो, वास्की देवी, करमचंद महतो,धर्म चांद महतो , उमापद महतो, जितेंद्र महतो,रामप्रसाद महतो आदि सभी किसानों के लगभग 65 एकड़ जमीन खेत में लहलहाती धान को रौंदकर बर्बाद कर दिया है. पीड़ित किसानों ने वन विभाग और प्रखंड मुख्यालय से मुआवजा देने की गुहार लगाई है. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि जंगली हाथियों की संख्या लगभग 7-8 है. जो कि पिलीद जंगल में डेरा जमाए हुए है. दिनभर जंगल में और शाम होते ही गांव में प्रवेश कर उत्पात मचाने लगते हैं.


Copy