पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का निधन : धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को सलाम


Shruti Prakash
धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में योगदान देने वाले नेता का निधन, आयु 74 वर्ष
कशिश डेस्क : पूर्व आईपीएस अधिकारी, अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य और पटना के महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का आज रविवार सुबह निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे और पटना के महावीर वत्सला अस्पताल में अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार, उन्हें सुबह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को सलाम: नेताओं ने व्यक्त किया शोक
आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल जी के हृदयाघात से निधन की खबर अत्यंत ही दुःखद है। किशोर कुणाल जी की धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में महती भूमिका रही है। उनकी विदाई से बिहार को गहरा आघात लगा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति।”
जीतनराम मांझी ने व्यक्त किया शोक: 'कुणाल साहब का जाना अपूरणीय क्षति'
केंद्रीय मंत्री और महागठबंधन के नेता जीतनराम मांझी ने कहा, "आचार्य किशोर कुणाल का जाना मेरे लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। हाल ही में जब मैं अयोध्या गया था, तो कुणाल साहब ने मुझे अयोध्या का इतिहास इस तरह समझाया जैसे कोई स्थानीय निवासी अपने शहर के बारे में बता रहा हो। उनकी प्रशासनिक क्षमता और जनसेवा का सबसे बड़ा उदाहरण महावीर कैंसर संस्थान है, जहां उनकी आत्मा बसी हुई थी। वह हमेशा कहते थे, 'पद और पैसा आज हैं, परंतु आपके द्वारा किए गए कार्यों को लोग हमेशा याद रखते हैं।' यही थे हमारे कुणाल साहब।"
किशोर कुणाल का योगदान: समाज के लिए महत्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना
आचार्य किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने मुजफ्फरपुर से प्राप्त की, इसके बाद पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वह गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने और पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद उन्होंने गृह मंत्रालय में भी काम किया और 2000 में रिटायर हो गए।रिटायरमेंट के बाद, आचार्य किशोर कुणाल ने दरभंगा स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया और बिहार राज्य धार्मिक बोर्ड के प्रशासन की जिम्मेदारी भी संभाली। महावीर मंदिर न्यास के सचिव के रूप में उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान और महावीर नेत्रालय जैसी स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली संस्थाओं की स्थापना की। उनके प्रयासों से पटना स्थित महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार भी संभव हो सका।आचार्य किशोर कुणाल का निधन बिहार के धार्मिक और सामाजिक क्षेत्रों के लिए अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनका योगदान और विरासत हमेशा जीवित रहेगी।