डोकरा कला को संरक्षित करने का काम तेज : लोहरदगा में झारखंड पंचायती राज के निदेशक ने डोकरा आर्ट की ली जानकारी, दिये निर्देश

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लोहरदगा : खबर है लोहरदगा की जहां जिले में डोकरा कला को विकसित करने के लिए कार्य तेज कर दी गई है. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता काल से ही डोकरा शिल्प तैयार की जा रही है. अब आधुनिक युग में भी इसे आगे बढ़ाया जा रहा है. जिले के हिरही में जिला प्रशासन की पहल से महिला समूहों द्वारा प्राचीन काल की कला डोकरा कला से कई शिल्प वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है जिसे अब संरक्षित करने के लिए अधिकारियों ने कार्य तेज कर दिए हैं.


डोकरा कला को आगे बढ़ाने और इसे संरक्षित करने के लिए झारखंड पंचायती राज के निदेशक आईएएस निशा उरांव लोहरदगा पहुंच कर डोकरा कला और बने हुए शिल्प वस्तुओं का जायजा लिया और इसे आगे बढ़ाने और संरक्षित करने के लिए अधिकारियों को कई दिशा निर्देश भी दिया ताकि प्राचीन काल की शिल्प वस्तुओं को आधुनिक युग में भी जिंदा रख सके और लोग प्राचीन इतिहास में बनने वाले शिल्प को देख सके.

वहीं जिला प्रशासन द्वारा इसे संरक्षित और आगे बढ़ाने के लिए 50 लोगों का समूह तैयार कर आधुनिक सेड का निर्माण कराया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके और प्राचीन कला बनी रहे.

इस मौके पर पंचायती राज के निदेशक आईएएस निशा उरांव ने कहा कि डोकरा कला को विकसित कर संरक्षित करने के लिए केंद्र से भी सहायता मिल रही है और जिला प्रशासन इसके लिए लगातार कार्य कर रही है. हमारे स्तर से भी इसकी निगरानी रखी जा रही है और इस पर कार्य किया जा रहा है.


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