IAS अधिकारी की बढ़ी मुश्किलें. : 2008 में हुए एक मामले में पश्चिम चंपारण के तत्कालीन DM के खिलाफ चलेगा आपराधिक मामला
DESK:--बिहार के पश्चिम चंपारण के पूर्व जिलाधिकारी (DM)दिलीप कुमार की मुश्किले बढ़नेवाली हैं क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा.इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है.पटना हाईकोर्ट ने इससे पहले आपराधिक मामला चलाने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया है.
मामला 2008 का है जब आईएएस दिलीप कुमार पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी थे.उनके खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और हिन्दू समाज को अपमानित करने को लेकर आपराधिक मुकदमा दायर किया गया था.जिला अदालत ने इस केस को निरस्त कर दिया था,पर याचिकाकर्ता ब्रजराज श्रीवास्व इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट गए थे और वहां से तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश जारी किया गया था.पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर की गई थी पर करीब 13 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को सही ठहराते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की मंजूरी दे दी है.
याचिकाकर्ता ने तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार के खिलाफ आरोप लगाया था कि 2008 में एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए दूसरे समुदाय के कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी.जिसके वजह से वहा सांप्रदायिक तनाव फैला था और जिला प्रशासन ने ब्रजराज श्रीवास्तव और विजय कश्यप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.बाद मे ब्रजराज श्रीवास्तव ने बेतिया न्यायालय में तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार के खिलाफ केस दायर किया था.
कोर्ट का आदेश आने के बाद पीड़ित वकील ब्रजराज श्रीवास्तव ने आज प्रेस वार्ता कर मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 2008 में बहुचर्चित करनेमया कांड को लेकर एक शांति समिति की बैठक समाहरणालय में आयोजित की गई थी, जिसमें धार्मिक आहत और भड़काने वाले पर कार्यवाही के प्रश्न पूछे जाने पर जिलाधिकारी भड़क गए और मुझे व विजय कश्यप को अन्य कक्ष में बैठा दिया गया। जहाँ हमपर कई गंभीर आरोप लगाकर मारपीट, गाली-गलौज किया गया। जिसपर जिला को धैर्य रखने का निवेदन करने को कहा ही था कि उन्होंने हमें हथकड़ी लगाकर नगर थाना के हाजत में बंद करवा दिया। हाजत में सिपाहियों से बंदूक के कूंदा से पिटवाने के बाद नियम विरूद्ध तरीके से तत्कालीन जिलाधिकारी ने हम दोनों को अर्द्ध रात्रि 12 बजे जेल भेज दिया था.