Bihar News : विधायक संदीप सौरभ ने CM नीतीश को भेजा ज्ञापन, शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग

Edited By:  |
Reported By:
cpi (ml) mla sandeep saurabh ne cm nitish kumar ko bheja gyapan cpi (ml) mla sandeep saurabh ne cm nitish kumar ko bheja gyapan

PATNA : शिक्षकों पर की जा रही दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने, विद्यालयों में आउटसोर्सिंग की बजाए नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया जारी करने और कुछेक अन्य मांगों को लेकर सोमवार को भाकपा-माले विधायक और बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक संदीप सौरभ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन भेजा है. ज्ञापन उनके कार्यालय में जमा किया गया है.


विधायक संदीप सौरभ ने भेजा ज्ञापन

ज्ञापन में कहा गया है कि विगत 11 जुलाई 2023 को पटना में आयोजित शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए कई शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है. कार्रवाई की प्रक्रिया अब भी जारी है, जबकि विगत 5 अगस्त को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है. ऐसे में उन मांगों को लेकर आंदोलनरत शिक्षकों पर दंडात्मक कार्रवाई करना अनुचित है. इसपर अविलंब रोक लगायी जानी चाहिए.


स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाना जरूरी

आगे कहा गया है कि बिहार के स्कूलों में सुधार और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाना बेहद जरूरी है लेकिन शिक्षा विभाग अलोकतांत्रिक तरीके से फैसले ले रहा है. हमारा मानना है कि प्रशासनिक फरमानों से शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं होने वाला बल्कि व्यवस्थागत कमियों पर ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा से संबद्ध सभी तबकों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करके ही एक स्वस्थ और लोकतांत्रिक शैक्षणिक माहौल का निर्माण किया जा सकता है.

सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचों को बेहतर बनाने की बिहार सरकार की ये पहल अच्छी है लेकिन इस नाम पर निजी कंपनियों को विद्यालयों में विभिन्न पदों पर नियुक्ति और संचालन का अधिकार दे दिया जाना अनुचित है. इसकी जगह सभी रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जानी चाहिए.

निजी कंपनियों की एंट्री पर लगे रोक

जब आज केंद्र की मौजूदा सरकार शिक्षा का तेजी से निजीकरण कर रही है, ऐसे में बिहार की महागठबंधन सरकार को निजी कंपनियों के प्रवेश पर रोक लगाकर लोकतांत्रिक मूल्यों को समृद्ध और समावेशी बनाने की कोशिश करनी चाहिए.

उपुर्यक्त मांगों के साथ नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देते हुए उनकी वरीयता बरकरार रखने और उनके स्थानांतरण की प्रक्रिया अविलंब शुरू करने की भी मांग उठाई गई है.