सुपौल में पानी की तेज धार में बह गया चचरी पुल : जिंदगी खतरे में डाल जुगाड़ वाली नाव से सफर कर रहे लोग, कहां हैं सरकार?
SUPAUL : पड़ोसी देश नेपाल में रुक-रुक कर हो रही झमाझम बारिश के कारण बिहार के सुपौल सहित आसपास के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। इसी बीच सुपौल में एक चचरी पुल बाढ़ की विभीषिका नहीं झेल पाया। यूं कहे कि नदी की तेज धारा का सहन नहीं करने पर चचरी पुल ने जलसमाधि ले ली। स्थिति ऐसी है कि लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं और शासन-प्रशासन बेखबर है।
सुपौल में उफनाई सुरसर नदी
ये पूरा मामला सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के झखारगढ़ पंचायत वार्ड 8 का है, जहां सुरसर नदी में बढते-घटते जलस्तर के बीच धोबी घाट के पास सूरसर नदी पर बना चचरी पुल ध्वस्त हो गया। इसके बाद भी प्रशासनिक स्तर से यहां नाव की व्यवस्था नहीं की गई लिहाजा ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
बताया जा रहा है कि सुरसर नदी में उफान की वजह से सप्ताह भर पहले सुरसर नदी के पानी की तेज धारा में चचरी पुल बह गया। नदी पर पुल नहीं होने के कारण गांव वालों को जरूरत के सामानों की खरीदारी और आवश्यक कामकाज के सिलसिले में गांव से बाहर निकलने के लिए जुगाड़ वाली खतरनाक नाव ही काम आ रही है, जिससे हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
जुगाड़ वाली नाव से सफर कर रहे लोग
जान जोखिम में डालकर नदी पार करना गांव वालों की मजबूरी बन गई है। स्थानीय लोग ट्रैक्टर के टायर के ट्यूब में हवा भरकर रस्सी के सहारे नदी पार कर रहे हैं, जो काफी जोखिम भरा है। ग्रामीणों ने बताया कि जन सहयोग से हर साल नदी पर बांस का चचरी पुल बनाकर लोग नदी पार करते रहे हैं लेकिन इस बार उफनाईं सुरसर नदी ने चचरी पुल को ध्वस्त कर दिया है, जिसके चलते अब नदी पार करना मुश्किल हो गया है। पुल नहीं होने से नदी के उस पार जाने के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है।
विकास के इस दौर में जगह-जगह पुल-पुलिया और सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। बावजूद यहां के लोग अबतक एक पुल की आस में जोखिम भरा सफर करने को विवश हैं।