बिहार में 700 वर्ष पहले से है शराबबंदी ! : चौक गए ना आप भी... , देखिये पूरी रिपोर्ट
जमुई : बिहार के CM नीतीश कुमार ने पूरे बिहार में शराब बंदी लागू कर रखी है। लेकिन आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि बिहार में 700 साल पहले से ही शराब बंदी लागू है। जी हाँ बिहार के जमुई जिले के एक गांव में शराब नहीं पीने की परंपरा लगातार जारी है। तो चलिए आपको इस गांव की स्टोरी बताते हैं।
जमुई जिले के बाबा कोकिल चंद धाम की महिमा अपरंपार है जहां गंगरा गांव के लोग बिहार वासियों को यह संदेश देते है कि हमारा गांव 700 वर्ष पूर्व से शराब का सेवन नहीं कर रहा है। दरअसल यहां मान्यता रही है कि जिस घर में भी शराब का सेवन होता है वहां मौत हो जाती है। दरअसल बाबा कोकिल चंद एक बड़े समाजसुधारक भी थे जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कई नियम कानून स्थापित किये जिनका पालन आज भी गांव वासी करते हैं।
बाबा कोकिल चंद धाम में स्थापित पिंडी गंगरा ग्राम के उसी हिस्से पर अवस्थित है जिसे गिद्धौर के चन्देलवंशी शासक ने किसी रहस्यमयी अलौकिक उपकार के बदले में ग्राम वासियों को प्रतिदान में बाबा की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए दिया था। इस प्रकार यह स्थल चन्देलवंशों के इतिहास से जुड़ने के कारण ऐतिहासिक महत्व का है।
बता दें कि बाबा कोकिलचंद मूल रूप से कृषक थे। तत्कालीन मध्य युग के समाज के बीच आपद धर्म का सन्देश स्थापित करने के लिए एवम अपनी आत्म रक्षा के लिए जो सुकृत्य किया ,उसकी रोमांचक कथा उनके इस स्थल को धर्म- धाम बनाती है । जंगल से लकड़ी लाने के क्रम में उनका सामना एक बाघ से हुआ ।बाबा ने उसे मार गिराया । जब मृत बाघ की सहगामिनी बाघिन क्रोध में सामने आई तो बाबा को साक्षात शक्ति स्वरूपा माँ के दर्शन हुए । आपद धर्म का तत्क्षण निर्वाह करते हुए बाबा ने स्वयं को माँ के समक्ष आत्मार्पण कर नश्वर काया से मुक्ति पा ली ।
मध्य युगीन भारत में स्त्रियों पर तरह- तरह के अत्याचार होते रहते थे । मदिरा और मैथुन ही उस युग की जीवन चर्या थी । बाबा कोकिल चंद जीवन पर्यंत इन सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध रहे । कृषकों के द्वारा उत्पादित अन्न की सतत रक्षा करने को कहा करते थे। अन्न की बर्बादी को रोकने के लिए विगत सात सौ वर्षों से प्रत्येक वर्ष नवान्न पूजा(नेमान पर्व) 7तथा आसाढ में आसाढी पूजा गंगरा गाँव की एक प्राचीन परंपरा है, जो इस मंच का आवश्यक अनुष्ठान है । बाबा कोकिलचंद का त्रिसूत्रीय संदेश आज भी प्रासंगिक है जो इस प्रकार है :
1* शराब से दूर रहना
2* अन्न की रक्षा करना
3* नारी का सम्मान करना ।
इस धाम की इतनी महिमा है कि यहां जमुई सांसद चिराग पासवान , पूर्व मंत्री झाझा विधायक दामोदर रावत, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ,जमुई विधायक श्रेयसी सिंह ,तमाम नेता इनका आशीर्वाद लेने गंगरा पहुंचते हैं।