बिहार और यूपी के बीच 7 गांवों की होगी अदला-बदली : दोनों राज्यों से केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव, जानें पूरा मामला...

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यूपी एवं बिहार की सीमा से सटे करीब एक दर्जन गांव एक दूसरे को स्थानांतरित किया जायेगा। इसको लेकर दोनो हीं राज्य सरकार के द्वारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है, ताकि गांवों को एक दूसरे को स्थानांतरित किया जा सके। तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने इसको लेकर जिला पदाधिकारी को पत्र भेज कर यूपी के सीमा से सटे बिहार के सात गांवों का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।

तिरहुत प्रंमडल के आयुक्त ने अपने पत्र में कहा है कि गंडक पार के पीपरासी प्रखंड के सात क्रमश: बैरी स्थान ,मंझरिया,मझरिंया खास, श्रीपतनगर,नैनहा एव भैसही कतकी ऐसे गांव है जहां जाने के लिए यूपी के रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है। यूपी के रास्ते इस गांवों में जाने से प्रशासनिक परेशानी होती है साथ हीं आने जाने में समय भी अधिक लगता है जिस कारण विकास कार्यो के संचालन में प्रशासनिक पदाधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां के लोगों को समय पर योजनाओं अन्य प्रशासनिक सुविधाओं का लाभ नही मिल पाता है।

कुछ ऐसा हीं आलम यूपी के कुशीनगर जिला के मरछहवा ,नरसिंहपूर, शिवपूर, बालगोविन्द ,वसंतपूर, हरिहरपूर गांव का है। जहां यूपी प्रशासन को भी इन गांव में जाने के लिए नेपाल एवं बिहार की सीमा से होकर जाना पड़ता है। ऐसे में 20 से 25 किलोमिटर की अतरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। अगर दोनो हीं राज्यों के उक्त गांवों को एक दूसरे को स्थानांतरित कर दिया जाए तो आवागमन की यह परेशानी दूर होगी साथ हीं उक्त गांवों का विकास का भी मार्ग प्रशस्त होगा। आयुक्त ने इसको लकर जिला पदाधिकारी को भूमि का प्रस्ताव तैयार कर प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।

यूपी एवं बिहार के ये गांव होगें स्थानांतरित

यूपी के कुशनीगर जिला के मरछहवा ,नरसिंहपूर, शिवपूर, बालगोविन्द ,वसंतपूर, हरिहरपूर गांव बिहार के सीमा से सटे है और यहां आने में यूपी प्रशासन को बिहार की पार करना होता है। वही बिहार के प.च्म्पारण के बगहा अनुमंडल के बैरी स्थान ,मंझरिया,मझरिंया खास, श्रीपतनगर,नैनहा एव भैसही कतकी गांव जो यूपी की सीमा से सटे है। और इन गांवों में जाने के लिए यूपी की सीमा से होकर गुजरना पड़ता है।

गांवों के स्थानंतरण से भूमि विवाद भी होगा समाप्त

दोनो राज्यों के उक्त गांवों के एक दूसरे को अगर स्थानांतरित कर दिया जाता है कि राज्य का सीमा विवाद भी समाप्त होगा। साथ हीं किसानों को काफी सहुलियत होगी। गौरतबल कि बगहा अनुमंडल के नौरंगिया थाना के मिश्रौलिया मौजा के किसान विगत कुछ वर्षो से भूमि की सीमा की लेकर आमने सामने हो जा रहे है। साथ हीं प्रशासनिक स्तर पर भी सीमा को लेकर अनेको बार कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन प्रत्येक वर्ष आने वाले बाढ से सीमा विवाद उत्पन्न हो जात है। अगर इन गांवों को एक दूसरे को हस्तगत कर दिया जाता है तो किसानों का भूमि विवाद भी समाप्त हो जायेगा।

बाढ एवं अपदा के समय होती है परेशानी

यूपी एवं बिहार के करीब एक दर्जन गांव जो एक दूसरे के सीमा से सटे है। और इन गांवों में आने जाने के लिए एक दूसरे की सीमा में प्रवेश कर आना पडता है। जिससे बाढ एवं अन्य अपदा के समय में लोगों को राहत पहुंचाने में दोनो हीं राज्यों के सरकार एवं प्रशासन को परेशानी का सामना करना पडता है। अगर दोनो हंी राज्यों को इन गांवों का स्थानंतरण हो जायेगा तो लोगों को समय पर राहत भी मुहैया हो जायेगी साथ हीं इन गांवों में विकास योजनाओं के क्रियान्यवन में सहूलियत होगी।


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