बगहा में बाघ का आतंक : किशोरी पर किया हमला, अब तक 6 की मौत

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बगहा : बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से एक बाघ इन दिनों रिहायशी इलाकों में आतंक का पर्याय बन चुका है। आये दिन भोले भाले ग्रामीण इसका शिकार बन रहे हैं। वहीँ इसे पकड़ने में वन विभाग की रेस्क्यू टीम के पसीने छूट रहे हैं।

जानकारी मिल रही है कि बीती रात बाघ ने परिवार के साथ सो रही एक किशोरी पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। यह बाघ अब तक 6 लोगों की जान ले चुका है। वनकर्मी एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में उसका रेस्क्यू करने में दिन रात एक किये हुए हैं, लेकिन बाघ यहां से 25 किमी दूर रामनगर प्रखंड अंतर्गत चिउटाहा वन क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के गन्ने के खेत में छुप गया है।

आश्चर्य की बात यह है कि अब तक यह बाघ गांव से दूर खेतों में काम कर रहे लोगों को निशाना बनाता था लेकिन यह पहली घटना है जब बात किसी गांव में घुसकर एक घर में में घुसकर किसी व्यक्ति को अपना शिकार बनाया है । किशोरी की पहचान रमाकांत मांझी की 12 वर्षीय पुत्री बगड़ी कुमारी के रूप में हुआ है। घटना के बाद इलाके में फिर एक बार बाघ का दहशत है । वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

वहीँ एक एक्सपर्ट ने बताया कि आदमखोर बाघ बहुत चालाक और फुर्तीला होता है। यह हर दो से तीन घंटे में स्थान बदलता है। हमने हरिहरपुर गांव में जाल बिछाया है। जब बकरी पिंजरे के अंदर थी, तो वह नहीं आई। जैसे ही हमने उसे पिंजरे के बाहर बांध दिया, वह आया और उस पर हमला किया और उसे मार डाला। बाघ बुधवार सुबह चिहुताहा वन क्षेत्र या वीटीआर में स्थित था और गुरुवार सुबह नेपाल सीमा पर स्थित राघिया वन क्षेत्र में मसान नदी पार कर पहुंचा। बाघ का मूवमेंट लगातार बदलने से थोड़ी परेशानी हो रही है लेकिन उसके पगमार्क और कैमरे से निगरानी के तहत उसका मॉनिटरिंग करते हुए रेस्क्यू की कोशिश की जा रही है। बाघ को पकड़ने के लिए 150 से ज्यादा कर्मी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही उसे पकड़ लिया जायेगा।


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