झारखंड में सीएम फेलोशिप स्कीम : सरकार ने शुरू किया मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना, एक हजार स्टूडेंट को प्रतिवर्ष मिलेगा लाभ

रांची. झारखंड सरकार ने शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना शुरू की है. इस योजना में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग कालेजों और पोलिटेक्निक संस्थानों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को चार वर्षों तक छात्रवृत्ति दी जायेगी. प्रत्येक वर्ष योजना में एक हजार मेधावी बच्चों का चयन किया जायेगा. योजना का लाभ विदेशों में पढ़नेवाले बच्चों को भी स्कालरशिप दी जायेगी. छात्रवृत्ति योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग तथा अन्य समुदाय के मेधावी छात्रों को शामिल किया गया है. इस योजना के लिए सरकार ने 120 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया है. उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग की तरफ से सीएम फेलोशिप स्कीम फॉर ऐकेडेमिक एक्सीलेंस योजना संचालित की जायेगी.
किन्हें मिलेगा लाभ ?
योजना में झारखंड में चल रहे विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट करने के साथ-साथ चार वर्षों तक फेलोशिप दी जायेगी. इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से नेट, सीएसआइआर नेट की परीक्षा में पास होना जरूरी है. इस कैटेगरी में आनेवाले छात्रों को अधिकतम 25 हजार रुपये प्रतिमाह दिये जायेगें. इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में डॉक्टरेट करनेवाले विद्यार्थियों को इसका लाभ तभी मिलेगा, जब वे गेट की परीक्षा में सफल होंगे. झारखंड इलीजिबिटी टेस्ट में उत्तीर्ण होने के बाद पीएचडी में नामांकन लेनेवाले छात्रों को 22,500 रुपये प्रति माह दिये जायेंगे.
आवेदकों को झारखंड राज्य का निवासी होना जरूरी
आवेदकों के लिए सरकार ने झारखंड का मूल निवासी होने की शर्त लागू की है. ऑनलाइन आधार पर आवेदन लिये जायेंगे. सरकार की तरफ से दिये जानेवाले आरक्षण की सुविधा के अनुरूप ही स्कॉलरशिप के लिए छात्रों का चयन किया जायेगा. कम पारिवारिक आय वाले अभ्यर्थियों को योजना में प्राथमिकता दी जायेगी. चयनित छात्र-छात्राओं को फेलोशिप के तहत सप्ताह में 10 घंटे तक शोध, प्रैक्टिकल कार्य करने लोंगे, जिसके लिए लाइब्रेरी, कंप्यूटर सेंटर तक की सुविधा दी जायेगी.
विदेश जाकर शोध करने के लिए मिलेगा दो लाख
शोध कार्य के लिए ग्लोबल परिदृश्य में टॉप 500 विश्वविद्यालयों में चयनित छात्रों को भी रीसर्च कार्य का महत्व दिया जायेगा. इसके लिए एक बार विदेश जाने के लिए दो लाख रुपये भी दिये जायेंगे. भारत के किसी भी राज्य में शोध कार्य के लिए जाने पर 50 हजार रुपये दिये जायेंगे.