बाल मजदूरी कानून की उड़ी धज्जियां : मनरेगा में बच्चों को लगाया काम पर, अब मामला सुन अधिकारी हैरान

पूर्वी चंपारण : खबर है पूर्वी चंपारण से जहां कुछ बच्चों की मजदूरी करते हुए वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जानकारी मिल रही है कि इलाके में मनरेगा के तहत हो रहे कार्य में बाल मजदूरों से मजदूरी कराया जा रहा है। वहीँ जब इलाके के पदाधिकारियों को यह वीडियो दिखाया गया तो वह भी हैरान रह गए और मामले की जाँच कराकर त्वरित कार्यवाई का आश्वासन दे दिया।
मामला पूर्वी चंपारण के ढाका अनुमंडल का बताया जा रहा है जहां बड़हरवा सीवन गांव में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यो में 8 वर्ष से लेकर 14 वर्ष के बच्चों तक को लगाया गया है। आप खुद देखिये किस तरह से जिस नन्हे नन्हे बच्चो के ऊपर पढाई की बोझ होनी चाहिये उनके सर पर ईंट बालू से लदी टोकड़ी है। ये बच्चे अपने और अपने परिवार के लिये अपने शरीर के वजन से ज्यादा वजन के सामान उठा कर पोखर के किनारे को भर रहे हैं।
एक तरफ सरकार बाल मजदूरी को रोकने के लिये सख्त से सख्त कानून लागू कर रही है तो वहीँ दूसरी ओर उनके ही जन प्रतिनिधि कानून को ठेंगा दिखा रहे है। हालांकि मनरेगा के कार्यों को कराने में मनरेगा पीओ की भी मुख्य भूमिका होती है और ऐसे परिस्थिति में उनकी क्या भूमिका है ये तो जाँच के बाद ही पता चल पाएगा। जानकारी मिल रही है कि बड़हरवा सीवन के मुखिया हैं संतोष कुमार साह और उन्ही के पंचयात के वार्ड नंबर 10 में पुरानी पोखरे के जीर्णोद्धार के लिया 9 .12 लाख के लागत से कार्य कराया जा रहा था । जिसके बाद अब ये वीडियो सामने आया है ।
वही इस मामले की जानकारी जैसे ही ढाका अनुमंडल पदाधिकारी को लगी की वे वीडियो देख चकित हो गए। उन्होंने कहा कि ये तो आपत्तिजनक और निंदनीय है। मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा की इस मामले की जाँच कराकर त्वरित कार्यवाई की जाएगी। अब देखने वाली बात यह होगी की अधिकारियों के द्वारा आखिर किस तरह की कार्यवाई की जाएगी।
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