Jharkhand News : 10 दिनों तक MMCH के पोस्टमार्टम हाउस में सड़ता रहा अज्ञात लावारिस शव, प्रशासन के अधिकारी एक दूसरे पर करते रहे टालमटोल

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Unclaimed body kept rotting in the post mortem house of MMCH for 10 days, administration officials kept evading each other Unclaimed body kept rotting in the post mortem house of MMCH for 10 days, administration officials kept evading each other

पलामू:- पलामू प्रमंडलीय रेफरल अस्पताल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (MMCH) की हालत बद से बदतर हो गई है। यह अस्पताल सिर्फ नाम के लिए रेफरल अस्पताल रह गया है। आये दिन इसकी दयनीय स्थिति और इसके मैजमेंट के खिलाफ शिकायते मिलते रहती है। आपको बता दे कि लगभग पिछले10दिनों सेMMCH के पोस्टमार्टम हाउस में एक लावारिस अज्ञात शव पड़ा हुआ था।10 दिनों तक इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं मिला। डेड बॉडी पूरी तरह सड़ चुका था और इसमें कीड़े लग चुके थे। शव से इतनी बदबू आ रही है कि पोस्टमार्टम हाउस के आसपास खड़ा होना भी काफी मुश्किल था। इस दौरान अन्य शव का पोस्टमार्टम करने में काफी परेशानी हो रही थी। काफी दाव-पेंच के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।

वहीं दूसरी ओर MMCH की हालत की बात करे तो लिफ्ट बंद रहने के कारण मरीज को स्ट्रेचर पर घंटों इंतजार करते रहे है। जब इस बारे में सुपरिटेंडेंट डीके सिंह से कशिश न्यूज के संवाददाता नितेश तिवारी ने जानकारी लिया तो उन्होंने बिजली खराब और जनरेटर का टेक्निकल प्रॉब्लम रहने का हवाला देते हुए बात को टाल दिया। पर सवाल यह उठता है कि इतने बड़े अस्पताल में घण्टो तक लिफ्ट के पास मरीज तड़पते रहने के बावजूद भी कोई सुधि लेने वाला नही आया। हालांकि इस दौरान सैकड़ों लोग और स्टाफ वहां से गुजरते रहे।


वहीं इस अस्पताल के दूसरे मामले की बात करे तो एक मरीज जो ठीक से चल नहीं सकता उसे व्हीलचेयर नहीं मिलने के कारण उसके परिजन कंधे के सहारे उठाकर उसे गाड़ी तक ले जा रहे थे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह कई दिनों से भर्ती थे फिर भी उनका सही तरीके से इलाज नहीं किया गया जिसके कारण वह बाहर के अस्पताल में इलाज करने जा रहे हैं वही डिस्चार्ज के बाद उन्हें ना हीं स्ट्रेचर मिला, ना हीं व्हीलचेयर की सुविधा।

वहीं एक मामला एक सप्ताह पहले का है। जब एक एक्सीडेंट केस आया था उस दिन भी मरीज के परिजन से600रुपये की डिमांड हॉस्पिटल के एक कर्मचारी के द्वारा की गई थी। जिसके बाद परिजनों ने400दिया तब जाकर उसका इलाज हुआ। हालांकि कुछ घण्टो बाद उस मरीज की मौत हो गई थी।

जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्यवाई के बावजूद भी इसMMCH अस्पताल में दलाल हावी है। इस अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा अगर मरीज के पर्ची10दवाइयां लिखी जाती है तो उसमे से सिर्फ2से3दवाइयां ही सरकारी दवाखाना में उपलब्ध होती है बाकी अन्य7से8दवा मरीज को बाहर के दवा दुकान से लेने पड़ते है।


क्या कहते है जिले के सिविल सर्जन

पोस्टमार्टम हाउस में लगभग 10 दिनों से पड़ी शव के बारे में जिले के सिविल सर्जन डॉ. अनिल सिंह से बात की गई तो उन्होंने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया की उनके अंडर में MMCH का मैनेजमेंट नहीं आता है, हालांकि उन्होंने बताया कि 48 से 72 घंटे से अगर कोई शव को लेने नहीं आता है तो नियम संगत उसे जिला प्रशासन के देखरेख में अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।

क्या कहते है MMCHके सुपरिटेंडेंट

वहीं इस मामले को लेकर MMCH के सुपरिटेंडेंट डॉ. डीके सिंह से जब बात किया तो उन्होंने बताया कि अज्ञात शव का पोस्टमार्टम कराने तक का जिम्मा MMCH प्रशासन का है। उसके बाद एसडीएम और पुलिस की जिम्मेदारी होती है शव का दाह संस्कार करने की।

पलामूसे नितेशकी रिपोर्ट


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