चोरी की घटनाओं को लेकर व्यापारियों में आक्रोश : जनप्रतिनिधियों ने लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

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Public representatives accused the administration of negligence Public representatives accused the administration of negligence

गढ़वा:- गढ़वा जिले के खरौंधी बाजार में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ने पर व्यवसायियों में आक्रोश है। बाजार परिसर में चोरी की घटना पर रोक नहीं लगने पर आक्रोशित व्यवसाई तथा जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। रात्रि में अज्ञात चोर ने बाजार के कोन मोड़ संजय वस्त्रालय से कीमती कपड़ा तथा लगभग 2.25 लाख रुपए नगद चोरी कर लिया। चोरी की जानकारी होने पर दर्जनों व्यवसाई तथा जनप्रतिनिधि दुकान पर आ गए। सूचना पर थाना प्रभारी अनिमेष शांतिकारी ने एएसआई निरंजन सिंह को दल बाल के साथ घटना स्थल पर भेजा। चोरी की घटना लगातार बढ़ने पर आक्रोशित कई व्यवसाईयो ने दुकान बंद रखा। व्यवसाय तथा जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से 48 घंटे के अंदर चोरी की घटना का उद्भेदन करने तथा चोर पर कड़ी कार्रवाई करने का मांग करने लगे। आक्रोशित लोगो के मांग पर थाना प्रभारी अनिमेष शांतिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने आक्रोशित लोगों को समझते हुए जल्दी चोरी की घटना का उदभेदन करने का आश्वासन दिया। थाना प्रभारी के आश्वासन के पश्चात मामला शांत हुआ। बीडीओ रवींद्र कुमार ने भी दुकानदार से मिलकर घटना की जानकारी लिया।दुकानदार संजय साह ने दुकान में चोरी का आवेदन थाना प्रभारी को दिया।

वही व्यवसाई ने भी चोरी का उद्भेदन करने तथा चोरी पर अंकुश लगाने का आवेदन दिया। संजय साह ने बताया की पिछले एक सप्ताह का कपड़ा का बिक्री का पैसा 2.25 लाख रुपए जमा करके रखे थे। ताकि महाजन तगादा करने आयेगा तो उसे दे देंगे। बाजार समाप्त होने पर सारा पैसा को मिलाकर बक्सा को कपड़ा में छुपा कर घर चला गया। सुबह घर से दुकान आकार खोला तो देखा कि दुकान में कपड़ा बिखरा हुआ है और बक्सा गायब है। दुकान के पीछे का दरवाजा तोड़कर चोर दुकान में घुसकर चोरी किया है। 20 सूत्री अध्यक्ष राजेश कुमार रजक, सांसद प्रतिनिधि रामखेलावन पासवान, मुखिया पति कृष्णा प्रसाद, देववंस गुप्ता, रामप्रीत गुप्ता, सुनील रोशन, बाबूलाल पासवान आदि ने बताया जिसतरह दिन प्रतिदिन खरौंधी में चोरी की घटना बढ़ा है। लोग में आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन को चोरी की घटना का उद्भेदन करने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। अगर प्रशासन इसका उद्भेदन नहीं करती है तो बाध्य होकर व्यवसाइयो के साथ आंदोलन किया जाएगा।