Lalu Prasad Birthday Special : हींग बेचने वाले ने बदल दी लालू प्रसाद की किस्मत, पूर्व CM की ये अनसुनी कहानी जान आप भी हो जाएंगे हैरान

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You will be surprised to know this unheard story of former Bihar Chief Minister Lalu Prasad.

NEWS DESK :बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बीते कई दशकों से वे आज भी बिहार की सियासत के धुरी बने हुए हैं और सूबे की राजनीति के मानचित्र पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं। हालांकि, सामाजिक न्याय के संघर्ष का बिगुल बजाने वाले लालू प्रसाद की जिंदगी भी कम संघर्षों में नहीं गुजरी है।

अभावों में गुजरा लालू प्रसाद का बचपन

बकौल, लालू प्रसाद उनका जीवन बेहद ही मामूली ढंग से शुरू हुआ। उनके आसपास सबकुछ इतना साधारण था कि उससे साधारण कुछ हो ही नहीं सकता था। गोपालगंज के फुलवरिया में 11 जून 1948 को जन्मे लालू प्रसाद का जीवन अभावों में गुजरा। लालू प्रसाद के मुताबिक धान के पुआल से सोने के लिए बिस्तर बनता था। इसके साथ ही उनकी मां जूट के बोरे में पुआल, पुराने कपड़े और कपास भरकर कंबल बनाया करती थीं ताकि बच्चों को ठंड न लग सके। लालू प्रसाद बताते हैं कि उनका जीवन काफी अभावों में गुजरा है।

हाथ से सिली बनियान पाकर हुए थे खुश

लालू प्रसाद के मुताबिक वे जब थोड़े बड़े हुए तो उन्हें हाथ से सिली हुई एक बनियान मिली, जिसे वे पाकर काफी खुश हुए थे लेकिन वे रोजाना नहा नहीं पाते थे और नहीं कपड़े धो पाते थे क्योंकि उनके पास बदलने के लिए कोई कपड़े नहीं होते थे। वे दिन में अक्सर मवेशियों को चराने के लिए दोस्तों के साथ निकल जाते थे और उनकी मां सिकहोती में सत्तू और एक पुड़िया नमक और एक बाल्टी में पानी लेकर खेतों में पहुंच जाती थीं और वे पुआल का बर्तन बनाकर सत्तू की पिंडी बनाकर खाते थे। इसे चटपटा बनाने के लिए इनके पास अचार तक नहीं होता था और तो और रात में मकई और मोटे अनाज खाकर उनका गुजारा होता था लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया कि लालू प्रसाद की किस्मत करवट लेने लगी।

हींग बेचने वाले ने बदल दी लालू की किस्मत

लालू प्रसाद के मुताबिक एक हींग बेचने वाले ने उनकी किस्मत बदल दी। दरअसल, हुआ यूं कि एकबार उनके गांव में हींग बेचने वाला आया। उसने हींग का झोला नजदीक के कुएं के किनारे पर रख दिया। इसके बाद शरारती लालू प्रसाद ने उनका झोला कुएं में फेंक दिया। फिर क्या था, हींग बेचने वाले ने आसमान सिर पर उठा लिया और गुस्से में लालू प्रसाद की मां से शिकायत कर दी। उन दिनों उनके बड़े भाई मुकुंद यादव पटना से गांव आए हुए थे, जिनसे उनकी मां ने लालू प्रसाद की शरारतों से तंग आकर शिकायतें की और अपने साथ पटना ले जाने की गुहार लगाने लगीं।

एक कमरे के चपरासी क्वार्टर में गुजरा दिन

उसवक्त पटना जाने की बातें सुनकर लालू प्रसाद खूब रोए लेकिन आखिरकार उन्हें अपने बड़े भाई के साथ पटना जाना पड़ा, जहां से उनकी पूरी किस्मत ही बदल गई। यहां आते ही मुकुंद भाई ने उनका दाखिला शेखपुरा के उच्च माध्यमिक विद्यालय में करा दिया और फिर वेटनरी कॉलेज परिसर में मिले एक कमरे के चपरासी क्वार्टर में रहने लगे।

सियासी अखाड़े में बड़े-बड़े धुरंधरों को दी पटखनी

शेखपुरा से प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद लालू प्रसाद का एडमिशन BMP कैंपस के मिडिल स्कूल में कराया गया। वे मिडिल स्कूल में अपनी कक्षा के मॉनिटर भी थे। वे अक्सर अपने मसखरेपन से लोगों का दिल जीत लेते थे। BMP कैंपस स्थित स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पटना के ही मिलर हाईस्कूल में दाखिला लिया और मैट्रिक की परीक्षा पास की और इसके बाद फिर बीएन कॉलेज में एडमिशन लेने के साथ ही छात्र राजनीति में कूद पड़े और फिर इसके बाद जो हुआ, वो सब इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि आखिर उन्होंने कैसे लंबे संघर्ष के बलबूते सियासी अखाड़े में बड़े-बड़े धुरंधरों को पटखनी देते हुए गरीब-गुरबों के सपनों को पंख देने के साथ-साथ अपनी जिंदगी को सवारा और फिर बिहार के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। केन्द्र में बतौर रेलमंत्री रहते हुए कई उपलब्धियां भी हासिल की।

गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद का आज जन्मदिन है। इस मौके पर हमने आपके लिए ये खास और अनसुनी कहानी लेकर सामने आए हैं। आपको कैसा लगा, जरूर बताएं।

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