राज्यसभा में खूब गरजे RJD सांसद मनोज झा : कोटे में कोटा की कर दी मांग, कहा : पत्थर तोड़ने वाली महिला को लालू प्रसाद ने पहुंचाया संसद
NEW DELHI : लोकसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल के पास होने के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया गया है, जहां नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा हो रही है। सभी दलों के नेता इसपर अपना और अपनी पार्टी का विचार रख रहे हैं। वहीं, केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में भी सभी दलों के सहयोग से इसे पारित करा लिया जाएगा।
राज्यसभा में खूब गरजे सांसद मनोज झा
नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा में भाग लेते हुए आरजेडी सांसद प्रो. मनोज झा ने कहा कि पीएम मोदी ने सेंट्रल हॉल में कहा था कि जितना बड़ा कैनवास होगा, तस्वीर उतनी ही बड़ी होगी। कैनवास बड़ा है लेकिन तस्वीर छोटी है। महिला आरक्षण के भीतर ही आरक्षण के कोटे की व्यवस्था हो। SC-ST के लिए सीटें पहले से ही कम हैं, उनमें 33 फीसदी आरक्षण से सीटें और कम हो जाएंगी।
मनोज झा ने भगवतिया देवी, फूलन झा का किया जिक्र
इसके साथ ही मनोज झा ने कहा कि 180 सीटों में ही इनके लिए आरक्षण की व्यवस्था हो। मनोज झा ने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या भगवतिया देवी, फूलन देवी फिर संसद में आ पाईं? हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी... भगवतिया देवी पत्थर तोड़ने वाली महिला थी... हम न सहबो गाली... गया से निकलकर वह संसद तक पहुंची। गया उसके बाद भगवतिया देवी आ पाईं? फूलन देवी आ पाईं? हम आपको दोष नहीं देते। हमारी संस्थाएं संवेदनशून्य हैं। लिहाजा SC-ST के साथ ओबीसी को भी शामिल किया जाए।
'नारीशक्ति वंदन अधिनियम' रखने पर आपत्ति
मनोज झा ने कहा कि आज भी मौका है, इसे सलेक्ट कमेटी को भेजकर इसमें शामिल किया जाए। ये नहीं होगा कि बाबा साहब को माला भी पहनाएं और उनकी बात का अनुसरण न करें। ये 33 फीसदी ही क्यों, 50 या 55 फीसदी क्यों नहीं। क्या आप नहीं चाहते कि समाज का वर्ग चरित्र बदले? इसमें सबका प्रतिनिधित्व हो।
वहीं, आरजेडी सांसद ने बिल का नाम 'नारीशक्ति वंदन अधिनियम' रखने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पता नहीं देश में देवता बसते हैं या नहीं मगर महिलाओं के खिलाफ अपराध बहुत होते हैं। सबसे ज्यादा ऐसे अपराध परिवार नाम की संस्था में होते हैं।