सरायकेला में भूमि अधिग्रहण में बड़ा हेरफेर : एसएम स्टील कंपनी पर सरकारी, वन भूमि, श्मशान घाट, नहर इत्यादि पर अवैध कब्जा का आरोप
सरायकेला : खबर है सरायकेला की जहां नीमडीह में एसएम स्टील प्लांट के नाम पर जमीन अधिग्रहण में बड़ा हेरफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है. प्रति एकड़ भूमि के एवज में जमीनदाताओं को दिए जा रहे 11 लाख रुपये लेकिन 41 से 44 लाख रुपये की डीड रजिस्ट्री पेपर बनाए जाने का मामला सामने आया है.
झारखंड में हमेशा से जमीन की लूट होती रही है. इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दल भी समय समय पर रोटियां सेंकने का काम करती है लेकिन आज तक जमीन लूट पर रोक लगाने का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है. राजनीतिक दलों के नेता झारखंड में जमीन खरीद-बिक्री, लूट, सीएनटी - एसपीटी एक्ट के मुद्दे उठाकर विधायक और सांसद बन जाते हैं लेकिन जब वह सदन में पहुंचते हैं तो यह मुद्दे गौण हो जाते हैं.
राज्य में कंपनी लगाने के नाम पर भी खूब जमीन अधिग्रहण हुई और अब तक यह चला आ रहा है. इसमें कई कंपनियों ने आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण करने के नाम पर ग्रामीणों को बेवकूफ बनाने का काम किया है. कई कंपनियों ने रोजगार देने के नाम पर जमीन अधिग्रहण की, लेकिन कंपनी नहीं लगाया है. ऐसे मामलों पर राज्य सरकार भी खामोश हो जाती है, जिससे जमीनदाताओं को अपने पूर्वजों की जमीन से हाथ धोना पड़ता है.
ऐसा ही एक मामला झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले से सामने आया है. जहां स्टील प्लांट लगाने के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है,जिसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह अंचल में एस एम स्टील प्लांट लगाने के नाम पर करीब 500 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. दो साल पहले से भूमि अधिग्रहण चल रही है. इस दौरान एस एम स्टील कंपनी पर सरकारी,वन भूमि,शमशान घाट,नहर इत्यादि पर अवैध कब्जा करने का आरोप है. इतना ही नहीं जमीनदाताओं को प्रति एकड़ भूमि के एवज में 11 लाख रुपये भुगतान किया गया है जबकि कंपनी प्रबंधन द्वारा जब डीड रजिस्ट्री कागजात तैयार करवाया जा रहा है तो उसमें प्रति एकड़ भूमि के एवज में 41 से 44 लाख रुपये दर्शाया जा रहा है. यह बड़ा हेरफेर का मामला है.
एसएम स्टील कंपनी के इन करतूतों से नाराज ग्रामीण गोलबंद होना शुरू हो गया है. नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आदरडीह में 8 से 10 मौजा के ग्रामीणों द्वारा ग्रामसभा बैठक बुलाई गई. ग्रामप्रधान रूप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में करीब 500 ग्रामीण शामिल हुए और एस एम स्टील कंपनी के कारनामों का खुलासा किया है. बैठक में क्षेत्र के पंचायत जनप्रतिनिधि,ग्रामप्रधान समेत बड़ी संख्या में महिला व पुरुषों की मौजूदगी रही.
ग्रामीणों ने बताया कि डीड में 41 से 44 लाख प्रति एकड़ का कागजात बन रहा है लेकिन ग्रामीणों को 11 लाख प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं. वहीं,जमीनदाताओं को बहला फुसलाकर दलालों द्वारा गलत वंशावली बनवाकर डीड रजिस्ट्री कागजात तैयार करवाए जा रहे हैं.इसके लिए मुखिया एवं पूर्व ग्रामप्रधान के हस्ताक्षर एवं स्टाम्प का उपयोग भी किया जा रहा है. यह बड़े ही आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए हैं कि फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर भूमि अधिग्रहण की जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि करीब 50 ऐसे मामले हैं,जिनमें गलत वंशावली बनाकर भूमि अधिग्रहण किया गया है.
बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि फिलहाल किसी भी तरह के भूमि अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगना चाहिए और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
इस मौके पर पूर्व जिला परिषद अनीता पारित, मुखिया सुभाष सिंह, मुखिया सरस्वती मोदी, पूर्व उपमुखिया हाखूम कुमार, सनातन गोराई, निखिल कुमार, सीताराम कुम्हार, आदित्य कुमार, आदरडीह पंचायत समिति तारामणि सिंह, भोलानाथ कुम्हार, राज सिंह, मुकुंदा कुमार, शक्तिपद मंडल, प्रशांत कुमार, राज कुम्हार, विजय कुम्हार, तपन कुम्हार, मदन सिंह, देवाशीष कुम्हार, अर्जुन सिंह, दीपांकर कुम्हार, केशव गोराई, अमित कुम्हार, परिमल कुम्हार, आशीष कुम्हार, जाडू रजक, लालू रजक, तपन मंडल, भास्कर, छक्रधर कुम्हार, रवि मंडल आदि ग्रामीण उपस्थित थे.
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