जातीय गणना की रिपोर्ट के बाद सियासत शुरू : मांझी की दो टूक - हकमारी हो बंद, सरकारी नौकरी में मिले आरक्षण

Edited By:  |
 Politics started after caste census report

Bihar Caste Census : बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद सियासत शुरू हो गयी है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने SC-ST, OBC और EBC के लिए बड़ी मांग कर दी है।


हकमारी हो बंद, नौकरी में मिले आरक्षण

जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए कहा है कि बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आ चुकी है। सूबे के SC/ST, OBC, EBC की आबादी तो बहुत है लेकिन उनके साथ हक़मारी की जा रही है। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह करता हूं कि राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी/स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें, वहीं न्याय संगत होगा।

गौरतलब है कि आज यानी सोमवार को बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की गई है। इसके मुताबिक बिहार में सवर्ण 15.52 फीसदी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में राजपूत 3.45 फीसदी और ब्राह्मण 3.67 फीसदी है। इसके साथ ही भूमिहारों की आबादी 2.86 फीसदी, कुर्मी की आबादी 2.87 फीसदी, कोइरी की आबादी 4.21 फीसदी है।

नोनिया और मुसहर की इतनी है आबादी

रिपोर्ट के मुताबिक नोनिया की आबादी 1.9 फीसदी है। इसके साथ ही मुसहर की आबादी 3 फीसदी है। वहीं, सोनार जाति की संख्या 0.68 फीसदी है। वहीं, यादवों की संख्या - 14.26 फीसदी, कानू- 2.21 फीसदी, कायस्थ - 0.60 फीसदी, तेली - 2.81 फीसदी, मोमिन मुस्लिम की संख्या - 3.54 फीसदी, बढ़ई - 1.45 फीसदी, कुर्मी - 2.87 फीसदी, धोबी - 0.83 फीसदी, नाई - 1.59 फीसदी, धानुक - 2.13 फीसदी, कानू - 2.21 फीसदी जनसंख्या है।

गौरतलब है कि बिहार सरकार की तरफ से जातीय गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बतायी गयी है।