सरकार को दो सप्ताह का मोहलत : निचली अदालत में लंबित आपराधिक मामलों का सर्वे कराने का हाईकोर्ट ने दिया निर्देश

PATNA:-बिहार सरकार निचली अदालत में लंबित आपराधिक मामले का सर्वे करेगी जिससे कि इन मामलों का जल्द निपटारा हो सकेगा.इसको लेकर पटना हाइकोर्ट में ने राज्य सरकार को इस मामलें में सर्वे करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है।
दरअसल पिछले दो दशकों से राज्य के निचली अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामलें पर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ द्वारा कौशिक रंजन की जनहित याचिका पर सुनवाई की है और राज्य सरकार को इस मामलें में सर्वे करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार(बालसा)के सचिव को नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के उपलब्ध आंकड़े को मूल रिकॉर्ड से जांच करने का निर्देश दिया था।याचिकाकर्ता कौशिक रंजन की अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न अदालतों में आपराधिक मामलें लंबित पड़े है।उन्होंने बताया था कि लगभग 67 हज़ार मामलें ऐसे है,जिनमें पार्टियां कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
कोर्ट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार व विभिन्न ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार को ऐसे मामलों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि वकीलों सहायता के अभाव में लगभग सात लाख आपराधिक मामलें लंबित है। कोर्ट को ये भी बताया गया कि बिहार फेडरेशन ऑफ वीमेन लॉयर्स की ओर ये कोशिश की जा रही है कि ऐसे अंडरट्रायल कैदियों को कानूनी सहायता देने के वकीलों को प्रशिक्षण दे।उन्हें ऐसे कैदियों को कानूनी सहायता के जरूरी जानकारी और प्रशिक्षण देने की कार्रवाई शीघ्र प्रारम्भ किये जाने की संभावना हैं ।