मन की बात : भारत ने मनवाया अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा, बोले पीएम मोदी - देश में चंद्रयान-3 और G-20 की सिर्फ चर्चा
NEW DELHI :पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का आज 105वां एपिसोड था। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 से बात की शुरुआत की और कहा कि इसको लेकर देश में एक क्विज कंपटीशन चल रहा है। अगर आपने इसमें हिस्सा नहीं लिया है तो अभी देर नहीं हुई है। इसमें जरूर हिस्सा लें।
"करोड़ों लोग बने चंद्रयान-3 के गवाह"
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा कि करोड़ों लोग चंद्रयान-3 की लैंडिंग के गवाह बने हैं। देश में चंद्रयान-3 और G-20 की चर्चा हो रही है। भारत की सफलता को पूरा विश्व देख रहा है। जी-20 के सफल आयोजन से देश की खुशी दोगुनी हो गई। जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम होने जा रहा है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन दिनों दो विषयों पर मुझे बहुत पत्र मिले हैं। पहला चद्रंयान-3 की सफल लैंडिंग और दूसरा दिल्ली में G-20 का सफल आयोजन। जब चद्रंयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरने वाला था, तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों के जरिए एक साथ इस घटना के पल-पल साक्षी बन रहे थे। ISRO के यूट्यूब चैनल पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे देखा, जो अपने आप में ये रिकॉर्ड है।
भारत का बढ़ा गौरव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने इस इस समिट में अफ्रीकन यूनियन को G-20 में स्थायी सदस्य बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ के एक और एपिसोड में मुझे आप सभी के साथ देश की सफलता को, देशवासियों की सफलता को, उनकी प्रेरणादायक जिंदगी के सफर को आपसे साझा करने का अवसर मिला है।
"मन की बात" में पीएम मोदी की बड़ी बात
- चंद्रयान-3 की सफलता के बाद G-20 के शानदार आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया। भारत मंडपम तो अपने आप में एक सेलेब्रिटी की तरह हो गया है । लोग उसके साथ सेल्फी ले रहे हैं और गर्व से पोस्ट भी कर रहे हैं।
- भारत ने G-20 समिट में अफ्रीकन यूनियन को G20 में पूर्ण सदस्य बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है।
- जब भारत बहुत समृद्ध था, उस जमाने में हमारे देश में और दुनिया में सिल्क रूट की बहुत चर्चा होती थी। ये सिल्करूट व्यापार-कारोबार का बहुत बड़ा माध्यम था। अब आधुनिक जमाने में भारत ने एक और इकोनॉमिक कॉरिडोर जी-20 में सुझाया है। इसका नाम है : इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर।
- ये कॉरिडोर आने वाले सैकड़ों सालों तक विश्व व्यापार का आधार बनने जा रहा है और इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस कॉरिडोर का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ था।
- दिल्ली में एक और एक्साइटिंग प्रोग्राम होने जा रहा है - G20 University Connect Programme। इस प्रोग्राम के जरिए देशभर के यूनिवर्सिटी के लाखों छात्र एक-दूसरे से जुड़ेंगे। इसमें IIT, IIM, NIT और मेडिकल कॉलेज जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान भी भाग लेंगे।
- आज से दो दिन बाद 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस है। पर्यटन को कुछ लोग सिर्फ सैर-सपाटे के तौर पर देखते हैं लेकिन पर्यटन का एक बहुत बड़ा पहलू रोजगार से जुड़ा है। कहते हैं, सबसे कम इन्वेस्टमेंट में सबसे ज्यादा रोजगार अगर कोई सेक्टर पैदा करता है तो वो टूरिज्म सेक्टर ही है।
- G-20 के सफल आयोजन के बाद दुनिया के लोगों का इंटरेस्ट भारत में और बढ़ गया है। G20 में एक लाख से ज्यादा प्रतिनिधि भारत आए और यहां की विविधता, अलग-अलग परम्पराएं, भांति-भांति का खानपान और हमारी धरोहरों से परिचित हुए। यहां आने वाले प्रतिनिधि अपने साथ जो शानदार अनुभव लेकर गए हैं, उससे पर्यटन का और विस्तार होगा।
- भारत में विश्व धरोहर स्थलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले दिनों कर्नाटक के पवित्र होयसड़ा मंदिरों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया। मैं इस शानदार उपलब्धि के लिए समस्त देशवासियों को बधाई देता हूं।
- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने शान्ति निकेतन का Motto संस्कृत के एक प्राचीन श्लोक से लिया था | वह श्लोक है- “यत्र विश्वम भवत्येक नीडम्” अर्थात, जहां एक छोटे से घोंसले में पूरा संसार समाहित हो सकता है।
- कर्नाटक के जिन होयसड़ा मंदिरों को UNESCO ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है, उन्हें, 13वीं शताब्दी के बेहतरीन वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इन मंदिरों को UNESCO से मान्यता मिलना, मंदिर निर्माण की भारतीय परंपरा का भी सम्मान है।
- भारत में अब World Heritage Properties की कुल संख्या 42 हो गई है। भारत का प्रयास है कि हमारे ज्यादा-से-ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों को World Heritage Sites की मान्यता मिले।
- यूपी का संभल जिला जनभागीदारी की मिसाल है। सोत नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 70 गांव एकजुट हुए। लोगों ने नदी के किनारे 10,000 बांस के पौधे भी लगाए हैं।
- भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब ग्लोबल हो चुका है। दुनिया भर के लोगों का इससे लगाव दिनों-दिन बढ़ता ही जा रही है।
- 21 साल की कैसमी इन दिनों इंस्टाग्राम पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है लेकिन वो भारतीय संगीत की दीवानी हैं। जिसने कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रुचि बहुत ही प्रेरणादायक है।
- कैसमी जन्म से ही देख नहीं पातीं लेकिन ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई। संगीत और क्रिएटिविटी को लेकर उनकी जुनून कुछ ऐसा था कि बचपन में ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया। अफ्रीकन ड्रमिंग की शुरुआत तो उन्होंने महज तीन साल में कर दी।
- कैसमी का भारतीय संगीत से परिचय पांच-छह साल पहले ही हुआ। भारतीय संगीत ने उनको इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गईं। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। सबसे प्रेरणादायक बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं।
- हमारे देश में शिक्षा को हमेशा एक सेवा के रूप में देखा जाता है। मुझे उत्तराखंड के कुछ ऐसे युवाओं के बारे में पता चला है, जो इसी भावना के साथ बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लइे अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है।
- हमारे शास्त्रों में कहा गया है : जीवेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम्। अर्थात्, जीवों पर करुणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए। हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही पशु-पक्षी हैं। ये जीव-जंतु हमारी आस्था के केंद्र में तो रहने ही चाहिए, हमें इनका हर संभव संरक्षण भी करना चाहिए। बीते कुछ वर्षों में, देश में, शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या में उत्साहवर्धक बढ़ोत्तरी देखी गई है।