JHARKHAND NEWS : झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक नया नेता,नया किरदार मिल गया

न्यूृज़ डेस्क/रांची: लोकसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक नया नेता,नया किरदार मिल गया। 31 जनवरी 2024 से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन तथाकथित जमीन घोटाला मामले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं. उनके जाने के बाद उस खाली जगह को उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने पूरा करने की हरसंभव कोशिश की है. लोकसभा चुनाव 2024 के रण में झामुमो ही नहीं सहयोगी दल कांग्रेस के लिए भी चुनाव प्रचार किया. जनसभाओं में भाजपा के तानाशाही रवैये पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि इंडिया गंठबंधन के उम्मीदवार को जीता कर ही झारखंड में शांति कायम रखी जा सकती है. 10 वर्षों के केंद्र के नरेंद्र मोदी की सरकार ने झारखंड की जनता खास कर आदिवासियों, मूलवासियों को उनके अधिकार से वंचित रखा. रत्नगर्भा धरती से निकलनेवाले बहुमूल्य खनिज की रायल्टी, जीएसटी का पैसा भी झारखंड को नहीं दिया, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति काफी खराब हुई.
कल्पना सोरेन ने सधे हुए वक्ता की तरह अपने पति को षडयंत्र के तहत जेल में डालने की साजिश को खूब भुनाया. उन्होंने कहा कि इंडिया गंठबंधन की सरकार चार जून के बाद बनेगी और हेमंत सोरेन जेल से बाहर निकलेंगे.उन्होंने जनसभा में मतदाताओं को रिझाने के लिए वो तमाम बातें कहीं,जो सीधे उनके मन मस्तिष्क में घर कर गयी.कई जगहों पर उन्होंने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन,कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर,कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर के साथ मंच भी साझा किया. इतना ही नहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ भी उन्हें मंच साझा करने का मौका मिला.
राजधानी रांची में पार्टी की ओर से आयोजित उलगुलान रैली में देश के तमाम बड़े नेता,जो इंडिया गंठबंधन के पार्ट रहे हैं, उन्हें आमंत्रित किया. इसमें कांग्रेस के नेशनल प्रेसीडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे,समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, शिवशेना के उद्धव ठाकरे,आप सांसद संजय सिंह,पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान,सुनीता केजरीवाल,नेशनल कांफ्रेंस के नेता समेत अन्य ने रांची की रैली की शोभा बढ़ायी और इंडिया गठबंधन की ताकत को दर्शाया.इससे उत्साहित होकर कल्पना सोरेन ने पार्टी के रणनीतिकारों की मदद से चुनावी रैलियों का ताना-बाना बुना और उसमें सफलता भी पायी. कुल मिलाकर कहा जाये,तो आगामी विधानसभा चुनाव में कल्पना पार्टी की खेवनहार बन कर उभरेंगी.हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 की अग्निपरीक्षा में वो कितना कामयाब रहीं, यह 4 जून को पता चलेगा,लेकिन इस दौरान झामुमो को एक कद्दावर नेता मिल गया इसमें कोई दो राय नहीं .