JHARKHAND ELECTION 2024 : जगन्नाथपुर से जिप अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नॉमिनेशन कर मचाया भूचाल
चाईबासा : जगन्नाथपुर विधानसभा से शुक्रवार को नामांकन के आखिरी दिन जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन ने अपना पर्चा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दाखिल कर राजनीतिक गलियारों में भूचाल खड़ा कर दिया है. पहले ऐसी खबर आ रही थी कि वह झामुमो से चुनाव लड़ेंगी फिर गठबंधन में जब यह सीट कांग्रेस को दे दिया गया तो उन्होंने गठबंधन धर्म निभाने का एलान किया था. परंतु बात उस वक्त बिगड़ी जब 23 अक्टूबर को जगन्नाथपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु ने अपना नॉमिनेशन में झामुमो के संभावित प्रत्याशियों में से किसी एक को भी नहीं बुलाया.
नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद अपने संबोधन में जिप अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन ने कहा कि क्षेत्र की जनता ने कहा कि ना हम गीता कोड़ा को और ना सोनाराम सिंकु को वोट देंगे तो उनके डिमांड पर मुझे निर्दलीय उम्मीदवार बनना पड़ा. उन्होंने कहा कि कोड़ा दंपति का जंगल राज से पूरा क्षेत्र त्रस्त है. पिछले 25 वर्षों से चाहे किसी भी पार्टी में रहे हों जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया. फिर भी यहां पर पलायन है, बेरोजगारी है, कुपोषण है, शिक्षा और स्वास्थ्य भी ठीक से बहाल नहीं हो पाया है. इसलिए विधानसभा चुनावी मैदान में उतरे हैं.
जिप अध्यक्ष ने कांग्रेस प्रत्याशी के ऊपर भी आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ टिकट लेने तक ही गठबंधन का नारा लगाते रहे और जैसे ही टिकट मिला सारा गठबंधन धर्म भुल गए. आज टिकट लेकर 5 दिन हो गए हैं परंतु कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु ने अभी तक मुझसे या झामुमो के किसी भी कार्यकर्ता से संपर्क नहीं किया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन प्रत्याशी सोनाराम सिंकु के ऊपर मुझे और झामुमो कार्यकर्ता को जरा भी भरोसा नहीं है,क्योंकि वह कोड़ा दंपति का आदमी है. वह जीतने के बाद हेमंत सोरेन का समर्थन करेंगे या नहीं इसका भी कोई भरोसा नहीं है. यही सबके कारण मैंने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक सच्चा सिपाही होने के नाते मैं यह सब षड्यंत्र नहीं देख सकती. अगर मैं चुप रही तो यह सीट विपक्ष को चला जाएगा. मैं फिर से झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती हूं तथा कल्पना सोरेन के हाथ को मजबूत करना चाहती हूं. झामुमो की एक ईमानदार कार्यकर्ता होने के नाते मुझे जो उचित लगा मैंने वह कदम उठाए. मैं इसमें आला कमान मुझे जो भी दंड देना चाहते हैं मैं उसे भुगतने को तैयार हूं.
चाईबासा से राजीव सिंह की रिपोर्ट----
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