जहानाबाद जिले के थाने में हुआ गैर कानूनी काम : पटना हाईकोर्ट ने दोषी पुलिसकर्मियों पर लगाया जुर्माना
Patna : पटनाहाईकोर्ट ने जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाना और जहानाबाद थाना द्वारा गैर कानूनी तरीके से याचिकाकर्ता के तीन रिश्तेदार को गिरफ्तार कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अवधि से ज्यादा समय तक थाना हिरासत में बंद रखने को काफी गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
कोर्ट ने जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक को कहा कि जुर्माने की राशि दोषी तीनों पुलिस कर्मियों के वेतन से कटौती कर पीड़ित व्यक्तियों को एक माह के अंदर उपलब्ध कराया जाए.
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में जहानाबाद थाना के एसएचओ दिवाकर कुमार विश्वकर्मा,मखदुमपुर थाना के एसएचओ ओम प्रकाश और जहानाबाद थाना के सहायक सब इंस्पेक्टर प्रणव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में इन तीनों पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ अदालती आदेश की अवमानना का मामला भी चल सकता था.
लेकिन अभी उन पर केवल जुर्माना ही लगाया जा रहा है,ताकि भविष्य में इनके द्वारा ऐसी गलती दोबारा नहीं की जा सके. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेन्द्र पाण्डेय की खंडपीठ में अरविंद कुमार गुप्ता द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई की गयी.
अधिवक्ता नागेंद्र कुमार सिंह और विजय कुमार पाठक को सुनने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया. कोर्ट ने इस आदेश की प्रति राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेजने का निर्देश देते हुए उनको कहा कि वह राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में उचित दिशा निर्देश जारी करें,ताकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन नहीं हो सके.
कोर्ट ने कहा कि आए दिन यह देखने को मिलता है कि पुलिस पदाधिकारी द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है,जो एक गंभीर मामला है.
कोर्ट में सरकारी अधिवक्ता को कहा कि वह अपने स्तर से भी पुलिस कर्मियों को यह बताएं और समझाएं कि अदालती आदेश का उल्लंघन करना गलत है. अदालती आदेश का पालन हर हाल में किया जाए.
ये मामला मखदुमपुर थाना कांड संख्या-337/2025से जुड़ा हुआ है. इस मामले में शक के आधार पर मखदुमपुर और जहानाबाद थाने के पुलिस ने याचिकाकर्ता के तीन रिश्तेदारों मंजू देवी,आदित्य राज और गौतम कुमार को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर थाना में निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक बंद रखा. इस बात की जानकारी पुलिस द्वारा उनके परिजनों को चार-पांच दिनों तक जब नहीं दी गई,तो याचिकाकर्ता, जो दिल्ली में नौकरी करता है,वह दिल्ली से पटना आया.
यहाँ आकर उसने मगध रेंज के डीआईजी को इस संबंध में शिकायत किया बाद में उसे जब पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तार करने की जानकारी मिली,तो उसने हाईकोर्ट में इन तीनों को पुलिस से छुड़ाने के लिए एक आपराधिक रिट याचिका दायर किया.
मखदुमपुर थाने में जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी,वह अपहरण और हत्या से संबंधित थी और इसमें किसी को अभियुक्त नहीं बनाया गया था.
बगैर इसके जहानाबाद जिले की पुलिस ने इन तीनों को थाना हिरासत में रखा और एक को छोड़ बाकी को पुलिस बॉन्ड पर छोड़ दिया.
सुनवाई के समय तीनों पुलिस पदाधिकारी कोर्ट में उपस्थित थे. सरकारी वकील ने उनके बचाव का पूरा प्रयास किया,लेकिन उनका प्रयाससफलनहींरहा.