1000 छात्राओं के लिए एक शिक्षक : आखिर कैसे पढेंगी गढवा के रंका परियोजना कन्या उच्च विद्यालय की बेटियां

GARHWA:- केन्द्र की मोदी और झारखंड की हेमंत सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास करने का दावा कर रही है पर झारखंड के गढवा में यह दावा गलतक साबित हो रहा है और यहां छात्राओं के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग खिलवाड़ कर रही है।यहां एक शिक्षक के भरोसे लगभग एक हजार छात्राओं हैं। लाख विनती और अपील के बावजूद यहां शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रहा है।
छात्रायें खुद लेती हैं अटेडेंस
एक हजार पर एक शिक्षक का मामला गढ़वा जिला का रंका प्रखण्ड का है जो कभी नक्सलियों का गढा हुआ करता था।यहां के अधिकारी जल्दी कार्यालय नही आते थे लेकिन हालात बदले और नक्सल बहुत हद तक खत्म हो गई।इस रंका में एक विद्यालय की स्थापना 1983 में हुई थी नाम है परियोजना कन्या उच्च विद्यालय रंका। इस विद्यालय में करीब एक हजार छात्राएं नामांकित हैं।कभी इस विद्यालय में शिक्षकों की दहाई अकों में होती थी,लेकिन आज हालात यह है कि महज एक शिक्षक के भरोसे एक हजार छात्राएं की भविष्य टिकी हुई है।ब इस स्कूल में एकमात्र शिक्षक मोनेटरिंग करते है और छात्राएं खुद एक दूसरे को पढ़ाती नजर आती हैं।
छात्राएं कहती है कि हमलोग बहुत दूर दूर से आकर यंहा पढ़ाई करते है लेकिन शिक्षक नही होने के कारण हमलोग मायूस हो जाते है हमलोगों को बस शिक्षक की आवश्यकता है क्योंकि हमारा भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है।वहीं इस विद्यालय की दशा देखकर अब इस प्रखण्ड के समाजसेवी लोग अपना एक-एक घंटा समय दे रहे है ताकि बच्चियां पढ़ सके।
शिक्षक के साथ छात्रायें भी लेती हैं क्लास
स्कूल के शिक्षक बताते है कि मैं वेतनभोगी शिक्षक हूँ और एक बिना वेतन का। मैं खुद प्रधानाध्यापक हूँ मैं ऑफिसियल वर्क देखूं या क्लास देखूं। इसके लिए मैं प्रत्येक क्लास में दो-दो मॉनिटर चुन लिया और उसी से पढ़ाई होती है। उन्होंने कहाकि मैं शिक्षकों के लिए डीसी से लेकर शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी तक को मैने पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी लेकिन किसी ने इस विषय पर धयान नही दिया।
वहीं इस मामले पर सूबे के पेयजल स्वच्छता मंत्री को इसकी जानकारी दिया तो उन्होंने कहाकि आपके द्वारा अभी जानकरी मिली है बहुत जल्द शिक्षकों को उस विद्यालय में दिया जाएगा