आधारभूत सुविधाओं से मरहूम आदिवासी समाज : राशन का अनाज लेने के लिए करना पड़ता है हंगामा

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GARHWA KE AAADIWASI SARKARI ANAJ KE LIE HO RAHE HAIN PARESHAN

गढवा-सरकार गरीब, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के लिए कई तरीके के मुहीम और योजना लाती हैं लेकिन ऐसे कई गांव हैं जिन तक सरकार द्वारा लाई गई योजनाएं नहीं पहुंच पाती हैं। गढ़वा जिले के भी कई ऐसे गांव हैं जहां सरकार की सुविधा नहीं पहुंच पाती हैं। उसी में रंका प्रखण्ड का सिरोई कला गांव है। सिरोई कला गांव एक आदिवासी बहुल इलाका है। इस क्षेत्र में सरकार की योजना तो दूर, सरकार से मिलने वाला अनाज भी नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके कारण यहां के निवासी कंद मूल और गेठी खाकर जीवन यापन करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि दशहरा पूजा से पहले 1 महीने का राशन तो मिला लेकिन अभी भी 3-4 महीनों का राशन बकाया है।

आदिवासी परिवार को आवास की दिक्कत

सिरोईक्ला पंचायत के टिकर चुइया टोला के कोरवा समुदाय किसी तरीके से जंगलों में अपनी जिन्दगी काट रहें हैं।इस गांव में ना ही पुल की व्यवस्था है और ना ही सड़क की व्यवस्था की गई है। इस पथरीली इलाके में बिना किसी सुविधा के रहना लोगों के लिए काफी पीड़ादायक साबित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने इन आदिवासी परिवार के जमीनों पर ट्रेंच गाड़ रखा है, जिससे अब रहने का भी समस्या उनके सामने आ गया है। सरकार की ओर से अबतक इन आदिवासियों को ना ही मकान मिला है, ना ही पीने के लिए साफ पानी। हालांकि केंद्र सरकार की शौचालय योजना इस गांव में जरूर देखी गई है।

हंगामा करने पर मिला एक माह का राशन

इन आदिवासी परिवारों को पिछले चार महीने से राशन नहीं मिला था। जिसके बाद समुदाय ने इस बात का विरोध किया। हंगामे के बाद दशहरा पूजा से पहले एक महीने का राशन मिला। लेकिन एक महीने का राशन खत्म होने के बाद वापस से इन परिवारों का जीने का सहारा सिर्फ चावल, मकई या जंगलों की कंद मूल गेठी है। ग्रामीण का कहना है कि उन्हे सुनने वाला कोई नहीं है। हमलोगों की जमीन छीनी जा रही है। सरकार की कोई भी योजना गांव तक नहीं पहुंच पा रही है।

आदिवासी परिवारों को 5-5 किलो चावल देने का निर्देश

गांव के हालात के बारे में बीडीओ को जानकारी देने पर उन्होंने कहा कि अभी चावल नही आ रहा है। दो तीन महीना से गढ़ बढ़ाया हुआ है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाएगी और सभी लोगों को 5-5 किलो चावल दिया जाएगा। ग्रामीणों के आवास की व्यवस्था को लेकर भी जिला में रिपोर्ट भेजा जाएगा।