झारखंड की स्वावलंबी ग्रामीण महिलाएं : सखी मंडल हो रहा सशक्त...9.7 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाएं सखी मंडल से जुड़ीं

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रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार आर्थिक गतिविधियों की कड़ियों को जोड़ा जा रहा है। इस कड़ी का सशक्त आधार ग्रामीण महिलाओं को भी बनाया जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण में महती भूमिका निभा सकें। इसके लिए जनवरी 2020 से लेकर अब तक राज्य में 82,002 सखी मंडलों का गठन किया जा चुका है। इसके माध्यम से 9.7 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है। वहीं ग्रामीण परिवारों के विकास के लिए 7,544 ग्राम संगठन एवं 413 संकुल संगठन का गठन किया गया है। सरकार के प्रति भरोसा जताते हुए करीब 90 हजार से ज्यादा सामुदायिक कैडर के रूप में ग्रामीण महिलाएं ग्राम विकास में योगदान दे रही हैं।

सरकार कर रही है आर्थिक सहयोग

ग्रामीण महिलाओं की आजीविका के लिए सरकार सखी मंडल के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है।जनवरी2020से अब तक सखी मंडलों को चक्रीय निधि के रूप में244करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। वहीं सामुदायिक निवेश निधि के रूप में करीब597करोड़ रुपये सखी मंडल को उपलब्ध कराया गया है।58,112सखी मंडलों को करीब1,798करोड़ रुपये की राशि बैंक क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया गया है। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत राज्य में अब तक कुल2.76लाख सखी मंडल से करीब34.57लाख ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जा चुका है। वहीं चक्रीय निधि के रूप में369.58करोड़,सामुदायिक निवेश निधि के रूप में804.40करोड़ की राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। सखी मंडल से जुड़े करीब21लाख परिवारों को आजीविका के साधनों से जोड़ा जा चुका है।

मिल रही है आजीविका

ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका प्रदान करने के लक्ष्य के साथ सरकार कार्य कर रही है। अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए सरकार ने अब तक करीब22लाख ग्रामीण परिवारों को सखी मंडल के जरिये सशक्त आजीविका के साधनों से जोड़ा है। फूलो झानो आशीर्वाद अभियान अंतर्गत हड़िया दारू बिक्री एवं निर्माण से जुड़ी करीब23,714महिलाओं की पहचान सुनिश्चित की गई है।चिह्नित महिलाओं में से23,214महिलाओं को करीब23.21करोड़ की राशि ब्याजमुक्त कर्ज के रूप में उपलब्ध कराकर सम्माननजक आजीविका से जोड़ा जा चुका है।