आयुक्त ने बाल सुधार गृह का किया निरीक्षण : किशोरों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते हुए चरित्र निर्माण का दिया ज्ञान

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पलामू : आयुक्त मनोज जायसवाल ने आज बाल सुधार गृह जेलहाता, पलामू एवं विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया. बाल सुधार गृह में निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने यहां रह रहे विधि विवादित किशोरों से रू-ब-रू हुए. आयुक्त ने उनकी समस्याओं को जाना और समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को निदेश दिया.


आयुक्त ने किशोरों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते हुए चरित्र निर्माण का ज्ञान दिया. उन्होंने कहा कि जाने -अनजाने में अपराध के बाद यहां आए किशोर अपने में सुधार लाकर मुख्यधारा से जुड़ने का प्रयास करें. बेहतर भविष्य के लिए गलतियों से बचें. गलती की पुनरावृति नहीं करें.


यहां से सही सीख लेकर जाएं और बेहतर जीवन यापन करें. उन्होंने रोजगार का प्रशिक्षण प्राप्त कर जीवन दशा सुधारने एवं माता-पिता को सहयोग करने एवं अच्छे नागरिक बनकर समाज में सकारात्मक योगदान देने की बातें कही.

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने बाल सुधार गृह में रह रहे विधि विवादित किशोर के खान-पान,रहन-सहन,साफ-सफाई,खेल सामग्री एवं खेल मैदान की व्यवस्था,पौष्टिक आहार,पठन-पाठन एवं सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

उन्होंने किशोरों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निदेश दिया. आयुक्त ने किशोर के लिए रसोई घर में बने खाने,शयन कक्ष एवं बेड-विस्तर,पेयजल की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया. आयुक्त ने किशोरों के अनुरोध पर बाथरूम की अतिरिक्त व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया.

प्रोबेशन ऑफिसर एवं अन्य द्वारा बताया गया कि बाल सुधार गृह के ऊपर से11हजार वोल्ट का तार प्रवाहित होता है. इसे कवर कराने से बच्चों को सुरक्षा मिलती. आयुक्त ने इसके लिए बिजली विभाग के जीएम को तत्काल पत्र भेजकर बिजली तार को कवर कराने का निर्देश दिया. किशोर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी लगा है.

किशोरों के बीच कानूनी जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने की आवश्यकता बताई गई. आयुक्त ने कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र लिखकर सहयोग लेने का निर्देश दिया.

प्रोबेशन ऑफिसर द्वारा बताया गया कि बाल सुधार गृह में विधि विवादित46किशोर रह रहे हैं. इसमें अधिसंख्य किशोर दुष्कर्म एवं सामूहिक दुष्कर्म के वाद से जुड़े हैं. चार-पांच किशोर हत्या एवं दो-तीन चोरी के जुर्म में हैं. विधि विवादित किशोर को शिक्षा एवं सही मार्गदर्शन मिल सके इसके लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है,जो प्रतिदिन कक्षाएं लेकर उन्हें शिक्षा देते हैं.

साथ ही काउंसलर के माध्यम से काउंसलिंग भी कराया जाता है. आयुक्त ने बाल सुधार गृह में रह रहे किशोरों द्वारा मिट्टी से बनाए गये सजावटी दीप,प्लेट आदि सामग्री का अवलोकन कर इसकी सराहना की. साथ ही इन्हें स्कील डेवलपमेंट से संबंधित प्रशिक्षण दिलाने तथा बाल सुधार गृह में फूलों की बागवानी और किचन गार्डन विकसित कराने का निर्देश दिया.

आंगनबाड़ी सेवाओं का लाभ दें

आयुक्त मनोज जायसवाल ने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर छोटे बच्चों की शिक्षा,पोषण और स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र नर्सरी स्कूल हमीरगंज-1,आंगनबाड़ी केंद्र कुंड कांजी हाउस एवं सदर प्रखंड अंतर्गत सुआ पंचायत के लहसुनिया स्थित मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया.

उन्होंने पाया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में15एवं उससे अधिक बच्चे नामांकित हैं,जबकि उपस्थिति7- 8तक ही सीमित है. आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों की अपेक्षा उनकी कम उपस्थित पर चिंता जताई. उन्होंने आंगनबाड़ी सेविका,सहायिका सहित पर्यवेक्षिका एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.

मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में35बच्चे नामांकित हैं,जबकि कक्षा में22बच्चे ही उपस्थित पाये गये. आयुक्त ने पोषण ट्रेकर से डेटा के बारे में जानकारी ली. आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल एवं खाने की उत्तम व्यवस्था करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों की पोषण,स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति होनी चाहिए .

टीकाकरण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. टीकाकरण से कई बीमारियों से सुरक्षा मिलती है. उन्होंने खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा देने की बातें कही. वहीं गर्भवती महिलाओं,शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं को आंगनबाड़ी सेवाओं का लाभ देने का निर्देश दिया. आयुक्त ने आंगनबाड़ी सेविका,सहायिका को आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सक्रियता से सहयोग करने का निर्देश दिया.

आयुक्त के निरीक्षण के दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान एवं महिला पर्यवेक्षिका उपस्थित थीं.