Bihar : 143वें खगड़ा मेले का हुआ विधिवत उद्घाटन, मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने किया शुभारंभ, DM विशाल राज भी थे मौजूद
KISHANGANJ :एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144वें महाकुंभ का आयोजन किया गया है तो वहीं दूसरी ओर बिहार के सीमांचल जिले किशनगंज का ऐतिहासिक सुप्रसिद्ध खगड़ा मेला जिसका 143वां आयोजन बड़े धूमधाम के साथ किया जा रहा है। इसका उद्घाटन बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल और जिले के जिला पदाधिकारी सह मुख्य अतिथि विशाल राज विशिष्ट अतिथि नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान द्वारा फीता काटकर एवं नारियल फोड़कर किया गया।
143वें खगड़ा मेले का हुआ विधिवत उद्घाटन
इस ऐतिहासिक मेले के उद्घाटन के मौके पर जिला वासियों को संबोधित करते हुए नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान ने कहा कि यह मेला जिले के लिए सदियों पुराना धरोहर है और 143 वर्ष से लगातार लगता आ रहा है, जिस कारण यह मेला बुढ़ापे की ओर चल पड़ा है। मैं मौजूद बिहार सरकार के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल जी से मांग करूंगा कि इस मेले के धरोहर को बचाने के लिए विशाल भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए जिला प्रशासन से नगर परिषद प्रशासन को ट्रांसफर किया जाए ताकि इसकी रखरखाव की जा सके क्योंकि इस मेले और हाट से जिला प्रशासन को तकरीबन 2 करोड रुपये प्रतिवर्ष मिलता रहा है और प्रशासन द्वारा लापरवाही के कारण यहां गंदगी का अंबार हो जाता है।
इस पर मंत्री जी का ध्यान आकर्षित होना चाहिए। इसके बाद जिले के जिला पदाधिकारी विशाल राज अपने संबोधन में बोले कि 143 साल से लगातार यह मेला लगता आ रहा है, जिसे एक धरवाड़ के रूप में कंटिन्यू लगाया जा रहा है। आज भी लोगों के बीच वही उत्साह और उमंग दिख रहा है और अन्त में मेला के मुख्य अतिथि एवं उद्घाटनकर्ता सह बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि किशनगंज में मैं 30 से 35 वर्षों से रहता हूं। पहली बार मैं मेला उद्घाटन में आया हूं और इसे उद्घाटन करने का मौका हमें मिला है।
मैं बता दूं यह मेला खगड़ा नवाब द्वारा शुरू की गई थी। यह मेला विगत 1883 से ही लगातार लग रहा है, जिस मुताबिक आज 143वां मेले का उद्घाटन हुआ है। इस मेले की विरासत बरकरार रहे और नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान द्वारा जो मांग की गयी है, उसे मैं अमल करते हुए कहना चाहता हूं कि जिले के जिला पदाधिकारी कल ही मुझे एक पत्र लिखें। इसके बाद यह मेला जिला प्रशासन से नगर परिषद को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। एक शर्त पर कि नगर परिषद इस भूभाग पर स्थायी रूप से दुकान ना बनाएं।
इसके बाद पत्र मिलते ही मैं कल 25 लाख रुपये मेले की सौंदर्यीकरण के लिए भेज दूंगा। वहीं, मौजूद मेला मालिक बबलू साहा अपने संबोधन में बोले कि यह मेला तकरीबन एक महीने तक जिला प्रशासन के सहयोग से चलता है, जहां प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाता है और मेले के लिए ही 33 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और इस मेले में चार विदेशी झूला, जलपरी, चित्रहार, बड़ी झूला के अलावा असम के लकड़ियों द्वारा बनाई गई समान के साथ-साथ दर्जनों विभिन्न प्रकार के दुकान सजाए गए हैं।
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